Kanchan Sharma
Bhopal: देवों के देव महादेव को समर्पित ‘श्रावण माह’ हिंदू श्रद्धालुओं के लिए बड़ा महत्व रखता है। इस साल सावन (Sawan Somwar 2023) का प्रारंभ 4 जुलाई 2023, दिन मंगलवार से हो रहा है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को ‘औढरदानी’ माना गया है, जो अपने भक्तों पर बहुत जल्दी ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है। महादेव के इसी सरल स्वाभाव के कारण उनके भक्त उन्हें भोलेनाथ कहकर बुलाते हैं।
भगवान शिव की साधना तब और भी जल्दी फलदायी हो जाती है जब यह उनके प्रिय मास यानि श्रावण मास में की जाती है। मान्यता के अनुसार श्रावण में अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करने पर अलग-अलग फल की प्राप्ति बताई गई है। सुख-सौभाग्य की प्राप्ति और आपकी मनोकामना के अनुसार किस शिवलिंग की पूजा करना चाहिए, आइए जानें इस बारे में-
चांदी से निर्मित शिवलिंग की साधना करने पर साधक पर शिव संग चंद्र देवता की कृपा बरसती है। ऐसे शिवलिंग की पूजा से उसकी सभी मानसिक पीड़ाएं दूर होती है। धार्मिक मान्यता है कि यदि कोई साधक स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा करता है तो उसकी आर्थिक दिक्कतें बहुत जल्दी दूर होती है।
कहते है यदि कोई साधक कपूर से बने शिवलिंग की पूजा करता है तो उसे शिवभक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके ऊपर हमेशा देवों के देव महादेव मेहरबान रहते है।
हिंदू मान्यता के अनुसार मिट्टी से बना पार्थिव शिवलिंग को बहुत ज्यादा पवित्र माना गया है। मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा शिव साधक को करोड़ों यज्ञों के बराबर पुण्यफल दिलाती है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा करने पर साधक को सभी प्रकार के सुख शीघ्र ही प्राप्त होते है।
फूल से बने शिवलिंग की पूजा करने पर साधक को भूमि-भवन और पैतृक संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है। हिंदू मान्यता के अनुसार यदि श्रावण मास में शिव की सबसे प्रिय चीज यानि रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की पूजा करने पर साधक को सभी प्रकार के पाप, भय और दोष से मुक्ति मिलती है और उस पर हर समय शिव की कृपा बरसती रहती है।