Bhopal : हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व है। ये पावन महीना भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव को पाने का एकमात्र तरीका भक्ति है। इसलिए कहा जाता है कि सावन के महीने में पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।
शास्त्रों के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से साधक को बल, बुद्धि, विद्या समेत अनेक चीजों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है। इसके साथ ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में सावन मास के सन्दर्भ में कुछ उपाय और नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानें इस उपायों के बारे में-
सावन मास में भगवान शिव व देवी-देवताओं की उपासना के समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही घर के मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमा को भी समय-समय पर साफ करते रहें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
वास्तु के अनुसार, सावन के महीने में रूद्राक्ष धारण करने से मानसिक तनाव दूर होता है। ऐसा करने से ह्रदय से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। रूद्राक्ष धारण करने से जीवन में नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। वास्तु के अनुसार, पंचमुखी रूद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
कहते हैं कि, जिस दिशा में भगवान शिव निवास करते हैं, उसी दिशा भगवान शिव की प्रतिमा लगानी चाहिए। बता दें कि भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश है और कैलाश उत्तर दिशा में हैं। इसलिए इसी दिशा में भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
सावन के महीने में एक लोटे में जल लें। इसमें थोड़े काले तिल डालकर प्रतिदिन शिवलिंग का अभिषेक करें। माना जाता है कि ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है और शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।
भगवान शिव की तस्वीर स्थापित करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप उनके समस्त परिवार का चित्र लगाएं। इसका अर्थ है कि चित्र में माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय उपस्थित हों। ऐसा करने से शिव जी उपासना का विशेष फल मिलता है।