Satpura Tiger Reserve : बाघ को पकड़ने के लिए हाथियों की मदद

नर्मदापुरम के ग्राम गुढ़ला और आसपास के क्षेत्र में रातापानी का टाइगर करीब दो महीनों से घूम रहा है, जिससे आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। टाइगर के लगातार मूवमेंट और मवेशियों का शिकार करने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। वन विभाग ने टाइगर को पकड़ने के लिए नाले के पास पिंजरा लगाकर उसमें शिकार रखकर पकड़ने का प्रयास किया था, लेकिन शिकार के लालच में भी टाइगर अभी तक पिंजरे के आसपास नहीं आया है। अब वन विभाग के अधिकारी टाइगर को सुरक्षित पकड़ने के लिए हाथियों की मदद लेने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए उन्होंने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से दो हाथियों को बुलाया है।टाइगर को पकड़ने के लिए वन विभाग बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने जा रहा है। गुरुवार को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना रेंज से दो मादा हाथियों को बुलाया गया है, जिनके नाम स्मिता और प्रिया है। इस अभियान में 150 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी और चिकित्सकों की टीम शामिल है, जो टाइगर को सुरक्षित पकड़ने के लिए काम करेगी। वन विभाग की टीम टाइगर के मूवमेंट पर लगातार नजर रख रही है।वन विभाग के डीएफओ मयंक गुर्जर ने बताया कि दो माह गुढ़ला क्षेत्र में टाइगर का मूवमेंट देखा जा रहा था। बीच में कुछ दिनों के लिए टाइगर का मूवमेंट कम हो गया था, लेकिन एक बार फिर टाइगर का मूवमेंट देखा जा रहा है। जिसे पकड़ने के लिए पहले पिंजरे लगाए गए थे। जिसमें सफलता नही मिली। इसके बाद अब सेकंड स्टेज में हाथियों ओर करीब 150 से अधिक वन कर्मचारियों ओर ट्रेंकुलाइजर कर रेस्क्यू किया जाएगा। वन विभाग की टीम 24 घंटे वन क्षेत्र में तैनात की गई है। जहां-जहां टाइगर का मूवमेंट ज्यादा देखने को मिल रहा है। उन क्षेत्र में वन विभाग की टीम नजर रखे हुए है। वहीं अधिकारी भी वन क्षेत्र में लगातार दौरा कर रहे हैं।

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