माखननगर। श्रद्धा और सेवा की भावना जब मिल जाती है तो धार्मिक यात्रा और भी पावन हो जाती है। कुछ ऐसा ही नज़ारा माखननगर जनपद पंचायत कार्यालय के सामने दिखाई दिया, जब गोदलवाड़ा सरपंच प्रतिनिधि केशव गढ़वाल ने सलकनपुर देवी धाम (Salkanpur Devidham) जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क चाय वितरण की व्यवस्था की। यह आयोजन स्थानीय मनीष टी स्टाल पर किया गया, जहाँ हजारों की संख्या में देवी माँ के दर्शन के लिए पैदल यात्रा पर निकले भक्तों का तांता लग रहा था।
सलकनपुर का देवी धाम (Salkanpur Devidham) मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ नवरात्रि के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। मान्यता है कि यहाँ देवी मां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। नवरात्रि के दिनों में तो विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। कई लोग भोपाल, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल सहित विभिन्न जिलों से पैदल यात्रा करते हुए यहाँ पहुँचते हैं। ऐसी लंबी और कठिन यात्रा के दौरान भक्तों को थकान व कमजोरी का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि राह में जगह-जगह सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों द्वारा जलपान, पानी और चाय आदि की व्यवस्था की जाती है।
सलकनपुर देवी धाम (Salkanpur Devidham) पैदल यात्रा में श्रद्धालुओं की सेवा
इसी कड़ी में गोदलवाड़ा सरपंच प्रतिनिधि केशव गढ़वाल ने माखननगर में श्रद्धालुओं के लिए सेवा कार्य का जिम्मा संभाला। उन्होंने बताया कि देवी माँ की भक्ति के साथ ही यह समाज सेवा का अवसर भी है। यात्रियों की सुविधा के लिए उन्होंने स्वयं आगे बढ़कर चाय वितरण कराया। चाय पीकर यात्रियों के चेहरे पर आई मुस्कान ने यह साबित कर दिया कि छोटे-से छोटे सहयोग से भी लोगों को राहत मिल सकती है।
मनीष टी स्टाल पर यह सेवा व्यवस्था सुबह से देर रात तक चलते रहने वाली है। यहाँ से गुजरने वाले हर यात्री को गर्म और मीठी चाय परोसी गई। श्रद्धालुओं ने भी इस सेवा की सराहना की और सरपंच प्रतिनिधि सहित पूरे सहयोगी दल को धन्यवाद दिया।
यात्रा पर निकले एक भक्त ने कहा कि, “लंबे सफर के दौरान जब कहीं चाय या पानी मिल जाता है तो शरीर को ऊर्जा मिलती है और यात्रा आसान हो जाती है। यह सिर्फ चाय नहीं है बल्कि सेवा और अपनत्व की भावना है।”
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सलकनपुर देवीधाम (Salkanpur Devidham) के लिए सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों की सहभागिता
इस अवसर पर स्थानीय नागरिकों ने भी इस प्रयास को सराहा और कहा कि ऐसी सेवाओं से समाज में आपसी भाईचारा बढ़ता है। धार्मिक यात्राएँ सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि सहयोग और सद्भावना का संदेश भी देती हैं।
केशव गढ़वाल ने आगे बताया कि भविष्य में भी वे और उनकी टीम ऐसे सामाजिक व धार्मिक अवसरों पर सेवाभाव से कार्य करते रहेंगे। उनका मानना है कि देवी माँ की भक्ति सिर्फ मंदिर तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि समाज और जरूरतमंदों की सेवा में भी झलकनी चाहिए।
नवरात्रि के दौरान सलकनपुर (Salkanpur Devidham)जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह ऐसी व्यवस्थाएँ देखने को मिल रही हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाएँ, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग इस यात्रा को सुगम बनाने में लगे हुए हैं। कहीं ठंडे पानी की व्यवस्था की जा रही है तो कहीं फलों का वितरण किया जा रहा है। यह परंपरा मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति और धार्मिक भावना की झलक पेश करती है।
अंततः यह कहा जा सकता है कि माखननगर में किया गया यह छोटा-सा प्रयास यात्रियों के लिए बड़ी राहत का कारण बना। यात्रा चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, जब रास्ते में इस तरह के सेवाभाव से स्वागत होता है तो थकान भी कम हो जाती है और श्रद्धालु और अधिक उत्साह के साथ माँ सलकनपुर धाम (Salkanpur Devidham) की ओर बढ़ जाते हैं।