गांव के कोटवार ने बताया कि राजेंद्र जिस जमीन पर खेती करता था, वह सरकारी भूमि है, जिस पर उसका कब्जा था। सबसे पहले पटवारी विमल भदौरिया ने फोन पर आग लगने की सूचना दी थी। टीआई अनूप यादव ने मौके पर पहुंचकर आग लगने के कारणों की जानकारी ली। किसान ने अपने खेत में हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई कराई थी।
सागर में नरवाई जलाने के मामले ने तोड़ा रिकॉर्ड
सागर जिले में इस साल नरवाई जलाने के मामलों ने पिछले दो वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब तक 603 मामले सामने आ चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में 177 अधिक हैं। बीते 15 दिनों में ही 40 किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
सरकार ने अपनाई सख्ती
मध्यप्रदेश सरकार अब नरवाई जलाने के मामलों में सख्ती बरत रही है। जो किसान नरवाई जलाते पाए जाएंगे, उन्हें मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की 6000 रुपए वार्षिक राशि नहीं मिलेगी, साथ ही अगले सीजन में उनकी गेहूं की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद भी नहीं की जाएगी। ये दोनों प्रतिबंध एक साल तक प्रभावी रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया।