सागर जिले की रहली जनपद पंचायत में पिछले कुछ समय से कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के कारण जनपद सहित ग्राम पंचायतों में भारी वित्तीय अनियमितताएं देखी जा रही हैं। ताजा मामला रहली जनपद में साढ़े आठ लाख रुपये के फर्जीवाड़े का सामने आया है। इस मामले में सिर्फ स्थापना प्रभारी पर गाज गिरी है, जबकि जनपद सीईओ स्वयं को पाक साफ बता रहे हैं।
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इन पंचायत सचिवों को हुआ अधिक भुगतान
बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का फर्जी गणना पत्रक तैयार कर नबलपुर सचिव वीरेंद्र गौंड, संजरा सचिव हरगोविंद यादव, नरेटा सचिव राजकुमार लोधी, रतनारी सचिव अशोक बोहरे, सेवास सचिव गोविंद कुर्मी, रतनपुरा सचिव सलामत खान और ऊमरा सचिव दयाचंद कोरी को एरियर्स की अधिक राशि दी गई है, जो गबन के दायरे में बताई जा रही है। उक्त सभी सचिवों से दोबारा दिए गए एरियर्स की राशि वापस ले ली गई है।
ये है भुगतान प्रक्रिया
जानकारों के मुताबिक बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का शाखा प्रभारी के द्वारा पहले गणना पत्रक तैयार किया जाता है एवं पत्रक के अनुसार बिल तैयार किया जाता है। समयपाल बिल को दर्ज कर जनपद सीईओ को प्रस्तुत करता है और बिलों पर जनपद सीईओ के हस्ताक्षर के बाद बिलों का भुगतान होता है। इस प्रकार उक्त फर्जीबाड़े के लिए जनपद सीईओ, स्थापना प्रभारी और समयपाल जिम्मेदार हैं। डबल एरियर्स लेने वाले सचिव भी कहीं न कहीं दोषी हैं। हालांकि फिलहाल इस मामले में सिर्फ स्थापना प्रभारी पर गाज गिरी है, बाकी लोग सुरक्षित हैं।
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इनका कहना है
इस मामले में जनपद सीईओ आरजी अहिरवार ने बताया कि स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी द्वारा सात सचिवों को बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का फर्जी गणना पत्रक तैयार कर आठ लाख 56 हजार का गबन किया गया है। सीईओ का कहना है कम्प्यूटर ऑपरेटर के द्वारा फर्जीवाड़े को संज्ञान में लाया गया था, जिसके वाद जिला सीईओ को जानकारी दी गई। जिला सीईओ द्वारा स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। गबन के मामले की जांच कर स्थापना प्रभारी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज करने आवेदन दिया गया है।