टीवी-फ्रिज से लेकर कारों और ब्यूटी ब्रांड्स तक 3–7% बढ़ेंगे दाम!

डॉलर के मुकाबले रुपये की ऐतिहासिक गिरावट ने महंगाई के अगले दौर का साफ संकेत दे दिया है। 3 दिसंबर को पहली बार रुपया 90 के नीचे फिसला और 4 दिसंबर को लुढ़ककर 90.43 के स्तर तक पहुँच गया। यह सिर्फ एक वित्तीय आंकड़ा नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा पड़ने वाला बोझ है। आने वाले दिनों में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मोबाइल, लैपटॉप, कारें और यहां तक कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी 3 से 7 फीसदी तक महंगे होने वाले हैं। GST कटौती से मिली राहत रुपये की गिरावट ने पूरी तरह निगल ली है।
इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों ने दाम बढ़ाने की तैयारी पूरी की
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक और कंज्यूमर गुड्स कंपनियां दिसंबर से जनवरी के बीच 3–7% की कीमत बढ़ोतरी लागू करने जा रही हैं।
कमजोर रुपये, महंगी मेमोरी चिप्स, बढ़े हुए कॉपर रेट और आयातित कंपोनेंट्स की भारी लागत ने कंपनियों की गणना बिगाड़ दी है।
कंपनियों ने शुरुआती अनुमान 85–86 रुपये प्रति डॉलर के आधार पर लगाए थे, लेकिन 90 पार होते ही लागत में सीधी छलांग लग गई। अक्टूबर से कीमतें बढ़ाने का दबाव था, लेकिन GST प्रॉफिटियरिंग निगरानी की वजह से कंपनियों ने कदम रोक रखा था।
सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के सीईओ अवनीत सिंह मारवाह कहते हैं—“GST कटौती से मिली राहत रुपये की गिरावट और पार्ट्स की महंगाई ने पूरी तरह खत्म कर दी। मेमोरी चिप्स के दाम चार महीने में छह गुना बढ़ चुके हैं। कीमतें 7–10% तक बढ़ाना मजबूरी है।”
गोदरेज अप्लायंसेज जनवरी से AC और फ्रिज 5–7% महंगे करने जा रहा है। कंपनी के बिजनेस हेड कमल नंदी ने कहा—“उच्च लागत और रुपये की कमजोरी दोहरी मार साबित हुई है। अगर रुपया और गिरा तो मार्च तिमाही में एक और बढ़ोतरी तय है।”
ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर भी असर: मेकअप और स्किनकेयर होंगे महंगे
कमजोर रुपये का असर ब्यूटी सेक्टर पर भी साफ दिखेगा।
MAC, बॉबी ब्राउन, क्लिनिक, द बॉडी शॉप और शिसेडो जैसे ग्लोबल ब्रांड आयातित उत्पादों पर निर्भर हैं। रुपये की गिरावट से इनकी लागत बढ़ेगी और कीमतें ऊपर जाएंगी।
शॉपर्स स्टॉप ब्यूटी के सीईओ बिजू कासिम के अनुसार,
“रुपये की कमजोरी का सीधा असर आयातित ब्यूटी प्रोडक्ट्स की कीमतों पर पड़ता है। लागत संतुलित रखने के लिए दाम बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं।”
ऑटो सेक्टर भी दबाव में: कारें जनवरी से महंगी हो सकती हैं
रुपये की गिरावट ने ऑटो कंपनियों को भी कीमतें बढ़ाने की तैयारी के लिए मजबूर कर दिया है।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है, जबकि ऑडी इंडिया भी इसी दिशा में कदम उठा सकती है। टू-व्हीलर और छोटी कारों पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है।
GST कटौती के बाद कंपनियों ने कुछ समय के लिए उपभोक्ताओं को राहत दी थी, लेकिन अब लागत का बढ़ता दबाव उस राहत को उलटने की ओर बढ़ रहा है।
आपकी जेब पर बड़ा असर
रुपया 90 के नीचे जाने का मतलब है—
घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे
कारों और टू-व्हीलरों की कीमतों में बढ़ोतरी
ब्यूटी और स्किनकेयर उत्पादों पर अतिरिक्त बोझ
विदेश में पढ़ाई और ट्रैवल और महंगा
घरेलू बजट सीधा प्रभावित
आने वाले एक–दो महीनों में उपभोक्ताओं को महंगाई का असली झटका महसूस होना तय है। रुपये की हर गिरावट अब सीधे घर, रसोई, लिविंग रूम और पार्किंग तक असर छोड़कर जाएगी।