Rewa News : श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग छात्राओं से बदसलूकी का मामला, ईएनटी विभाग के डॉ. अशरफ निलंबित

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में नर्सिंग छात्राओं के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला अब गर्मा गया है। ENT विभाग में कार्यरत डॉ. अशरफ पर द्वितीय और तृतीय वर्ष की छात्राओं ने अशोभनीय भाषा, आपत्तिजनक व्यवहार और लैंगिक टिप्पणियों के गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला सामने आते ही मेडिकल कॉलेज परिसर में भारी नाराजगी का माहौल बन गया, जिसके चलते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

लिखित शिकायत के बाद भड़का मामला

घटना की शुरुआत तब हुई जब नर्सिंग की पीड़ित छात्राओं ने कॉलेज प्राचार्य डॉ. प्रवीण पटेल को लिखित शिकायत सौंपी। छात्राओं का कहना था कि ENT विभाग के डॉक्टर बार-बार अपमानजनक और मर्यादाहीन शब्दों का उपयोग करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉ. अशरफ का व्यवहार न केवल अनुशासनहीन है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल रहा है।

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शिकायत कॉलेज प्रशासन तक पहुंचते ही मामला तूल पकड़ने लगा। छात्रों के समर्थन में ABVP खुलकर सामने आई और कॉलेज डीन डॉ. सुनील अग्रवाल का घेराव करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। संगठन की ओर से तत्काल निलंबन और उच्च स्तरीय जांच की मांग रखी गई।

ABVP के आक्रामक रुख और छात्रों की एकजुटता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। डीएमई (मेडिकल शिक्षा विभाग) के निर्देश के बाद अंततः डॉ. अशरफ को निलंबित कर दिया गया। ENT विभाग के डॉक्टर को कॉलेज प्रबंधन द्वारा सस्पेंशन नोटिस थमाया गया, जिससे कॉलेज परिसर में आक्रोश थोड़ा शांत हुआ। कॉलेज प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि छात्राओं की गरिमा, सम्मान और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और मामले की विस्तृत जांच करवाई जाएगी।

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पहले भी विवादों में रहे हैं डॉ. अशरफ

यह पहली बार नहीं है जब डॉ. अशरफ विवादों में आए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान तबलीगी जमात प्रकरण में भी उनका नाम उछला था। उस समय दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिस कारण वह काफी दिनों तक चर्चा में रहे थे। अब एक बार फिर, छात्राओं से जुड़ी इस संवेदनशील घटना ने उन्हें विवादों के घेरे में ला खड़ा किया है।

ABVP के छात्र नेताओं ने कहा कि यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता, तो यह आंदोलन और तेज किया जाता। संगठन ने मांग की है कि कॉलेज प्रबंधन स्थायी व्यवस्था बनाकर छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। वहीं, कॉलेज प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि डॉ. अशरफ के खिलाफ न्यायिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और छात्राओं की पहचान गोपनीय रखते हुए पूरे मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है।

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