उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में संपन्न 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों के चेयरमैन/ चेयरपर्सन और वार्ड काउंसलर चुनाव की मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी। पहले चरण के चुनाव वाले 37 जिलों में 52 परसेंट जबकि दूसरे चरण के 38 जिलों में 53 फीसदी के करीब मतदान हुआ है। दोपहर आते-आते पूरे राज्य के चुनाव नतीजों की तस्वीर साफ होने लगेगी और ये भी साफ हो जाएगा कि राज्य में भगवा लहर का जोर बना हुआ है या लाल टोपी और नीले झंडे ने उसमें कुछ चोट पहुंचाई है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नगर निकायों को विकास का तीसरा इंजन बताकर बीजेपी के लिए वोट मांगा है ताकि केंद्र और राज्य से आने वाला पैसा शहर की सरकार सही तरीके से खर्च करे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शहरों में गंदगी, भ्रष्टाचार और विकास के काम ना होने का आरोप लगाकर वोट मांगते दिखे। चुनाव में मायावती की बसपा ने काफी मुसलमान कैंडिडेट देकर सपा के वोट में सेंधमारी की कोशिश की है लेकिन वो कितनी कारगर हुईं ये भी नतीजों से पता चलेगा। कांग्रेस, आप, अपना दल, निषाद पार्टी, एआईएमआईएम भी निकाय चुनाव लड़ रही है और यूपी में उनका वजन कितना है, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये भी रिजल्ट से पता चल जाएगा।
2017 के यूपी निकाय चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती थीं?
2017 के निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा था। उस समय 16 नगर निगम थे जिसमें 14 में बीजेपी का मेयर और 2 में बीएसपी का मेयर जीता था। सपा मेयर की एक भी सीट नहीं जीत पाई थी लेकिन 10 शहरों में दूसरे नंबर पर रही थी। नगरपालिका में बीजेपी के 70, सपा के 45, बसपा के 29 और कांग्रेस के 9 चेयरमैन जीते थे। नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में भाजपा के 100, सपा के 83, बसपा के 45 और कांग्रेस के 17 नेता जीते थे।वार्ड काउंसलर चुनाव में भी भाजपा सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने वाली पार्टी बनी थी। नगर निगम में बीजेपी के 596, सपा के 202, बसपा के 147 और कांग्रेस के 110 कैंडिडेट जीते थे। नगरपालिका में बीजेपी के 923, सपा के 477, बसपा के 262 और कांग्रेस के 158 वार्ड पार्षद जीते थे। नगर पंचायत में बीजेपी के 664, सपा के 453, बसपा के 218 और कांग्रेस के 126 प्रत्याशी वार्ड का चुनाव जीते थे।