मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से एक सात वर्षीय मासूम की मौत की दुखद खबर सामने आई है। लेकिन बालिका की यह मौत प्राकृतिक नहीं, बल्कि शादियों में दूल्हा-दुल्हन की एंट्री के लिए किए जाने वाले दिखावे में नाइट्रोजन के इस्तेमाल का नतीजा है।
जानकारी के मुताबिक, 6 मई को माचलपुर थाना क्षेत्र के बाढ़गांव निवासी राजेश गुप्ता अपने परिवार के साथ खुजनेर नगर में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। उनके साथ उनकी 7 वर्षीय बेटी वाहिनी गुप्ता भी मौजूद थी। शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन की एंट्री के लिए स्टेज के पीछे नाइट्रोजन घोलकर पात्र में रखा गया था। खेलते-खेलते बालिका उस पात्र में गिर गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी ऊपरी त्वचा लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक झुलस गई। उसे तुरंत ही स्थानीय क्लीनिक ले जाया गया, जहां से उसे तुरंत निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजन घायल बालिका को इंदौर के अरविंदो अस्पताल लेकर गए, जहां उसे बचाने के हरसंभव प्रयास किए गए, लेकिन 10 मई की रात उसने दम तोड़ दिया। इस दुखद घड़ी में भी परिजनों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बेटी के नेत्र दान कर दिए।
वहीं, इस घटना के बाद समाज में नाराजगी व्याप्त है और लोग शादी समारोहों में इस तरह के दिखावे के लिए गैर-जिम्मेदार तरीके से किए जाने वाले कार्यों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि कोई और इस तरह के हादसे का शिकार न हो। खुजनेर नगर के थाना प्रभारी शिवचरण यादव का कहना है कि बालिका को इलाज के लिए इंदौर के अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। दो से तीन दिन में इंदौर में जीरो पर कायमी होकर मर्ग डायरी हमारे पास आएगी और हम असल कायमी करेंगे। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।