
अमूमन आपने किसी पुराने महल, मकबरे या तीर्थ स्थल को ही स्मारकों के रूप में देखा होगा, लेकिन आज हम आपको प्रदेश का अनोखा स्मारक दिखाने जा रहे हैं। इसे देखकर आप चौंक जाएंगे, दरअसल 8 साल पहले करोड़ों की लागत से बनी राजगढ़ की नई आरटीओ बिल्डिंग आज भी स्मारक की तरह ही खड़ी है। हैरानी की बात यह है कि जिस आरटीओ से गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन होने थे, कार-बस-ट्रक निकलने चाहिए थे, वहां से अब ट्रेन निकलेगी। क्योंकि, जिम्मेदारों ने इस बिल्डिंग को लेकर जबरदस्त लापरवाही बरती है।
आश्चर्य करने वाली बात है कि रामगंज मंडी भोपाल रेलवे लाइन के लिए जहां रेलवे-स्टेशन बनना था, उसकी जमीन को राजस्व विभाग के जिम्मेदारों ने आरटीओ ऑफिस के लिए नाप दिया। इतना ही नहीं, इस पर ठेकेदार ने बाकायदा बिल्डिंग खड़ी कर दी। कंस्ट्रक्शन के बाद पीडब्ल्यूडी की विंग प्रोजेक्ट इंप्लीटेशन यूनिट (PIU) ने ठेकेदार को 3 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया। चूंकि, इस पर रेलवे प्रशासन को आपत्ति है ,इसलिए ये बिल्डिंग अभी तक आरटीओ को ट्रांसफर ही नहीं की गई।
किराए की दुकान में चल रहा आरटीओ
बता दें, आरटीओ भवन के पास मेडिकल कॉलेज भी बनाया जा रहा है। इस तरह करोड़ों रुपये पानी मे बहाने के बाद भी आरटीओ का ऑफिस 9 हजार रुपये महीने के किराए पर दुकानों से चल रहा है। ये किराए की दुकानें स्टेडियम में स्थापित हैं। बता दें, इस मामले को लेकर स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।