राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने में समय लगा, लेकिन इसकी यह वजह रही है कि 23 जून से 2 जून तक शिलांग पुलिस हादसा मानकर ही जांच कर रही थी। यह बात शिलांग एसपी विवेक सिएम ने भी स्वीकारी। उन्होंने कहा कि हिस्ट खासी हिल्स का इलाका शांत और पर्यटकों के अनुकूल माना जाता था। यहां पहले कभी इस तरह की वारदात नहीं हुई।
हम हादसा मानकर लापता जोड़ों की तलाश कर रहे थे। लापता जोड़ों के बैग में अंगूठी और मंगलसूत्र भी मिला था, लेकिन शुरुआत में उस क्लू को हमने सामान्य तौर पर लिया, लेकिन 2 जून को राजा का शव मिलने के बाद शिलांग पुलिस को गड़बड़ी की आशंका हो चुकी थी। इसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया और फिर उसे हत्याकांड से जुड़ी कडि़यां मिलने लगी। उन्हें जोड़ा गया तो साफ हुआ इस हत्याकांड मेें सोनम का हाथ है।
गाइड की खबर पढ़कर सचेत हुए आरोपी
जांच के दौरान शिलांग के स्थानीय मीडिया ने राजा-सोनम के साथ तीन अन्य युवकों को नजर आने की खबर दी। उसमें गाइड का हवाला दिया गया था। यह खबर पढ़कर राज सचेत हो गया था। उसके बाद ही उनसे सोनम को इंदौर से रवाना करवा दिया था। राज ने कहा था कि वह सिलीगुड़ी पहुंचे और वहां खुद के साथ लूट होने की कहानी पुलिस को बताए, लेकिन गाजीपुर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद सोनम ढ़ाबे पर पहुंची थी और खुद के साथ लूट होने की कहानी सुनाने लगी।