निर्वाचन शाखा में ऑपरेटर की मनमानी से कर्मचारी त्रस्त, 20 साल से जमे कर्मचारी पर उठे सवाल

नर्मदापुरम। सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत ने निर्वाचन कार्यों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदीप कुमार साहू ने 24 अगस्त 2025 को शिकायत क्रमांक 34060516 दर्ज कराई थी। उनका आरोप है कि निर्वाचन कार्य के नाम पर कर्मचारियों को मनमाने आदेशों के जरिये ड्यूटी सौंप दी जाती है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि—

  • आदेश बिना कारण बताए सीधे व्हाट्सऐप पर भेज दिए जाते हैं।
  • कई बार नायब तहसीलदार के बिहाफ में ऑपरेटर ही ड्यूटी तय कर देता है।
  • एक ही समय में अलग-अलग विभागों से कई आदेश थोप दिए जाते हैं, जिन्हें निभाना लगभग असंभव होता है।
  • इस दबाव के कारण कर्मचारी मानसिक तनाव झेल रहे हैं और काम की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।

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स्थानांतरण नीति का उल्लंघन

शिकायत में भले सीधे नाम न लिया गया हो, लेकिन स्थानीय कर्मचारियों और जानकारों का कहना है कि समस्या की जड़ निर्वाचन शाखा में करीब 20 वर्षों से जमे एक ही कर्मचारी हैं। शिक्षा विभाग से आए इस कर्मचारी को वर्षों से न तो विभाग ने वापस बुलाया और न ही प्रशासन ने स्थानांतरित किया। जबकि सामान्य स्थानांतरण नीति के अनुसार किसी भी कर्मचारी को इतने लंबे समय तक एक ही पद पर टिके रहने की अनुमति नहीं है।

ऑपरेटर की भूमिका पर सवाल

निर्वाचन शाखा में पदस्थ ऑपरेटर पर भी गंभीर आरोप हैं। कहा जाता है कि वह अपने स्तर पर आदेश तैयार करता है और कर्मचारियों को थोप देता है। इस प्रक्रिया में न तो आवेदन लिए जाते हैं, न ही कर्मचारियों की आपत्तियों पर विचार होता है। शिकायतकर्ता ने इसे “मनमानी रवैया” बताया है।

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जनभावना क्या कहती है?

तहसील कार्यालय को यह शिकायत ट्रांसफर कर दी गई है। अब देखना है कि अधिकारी क्या कदम उठाते हैं। लेकिन स्थानीय कर्मचारियों और नागरिकों की राय साफ है—

“जब तक निर्वाचन शाखा से राजेश मालवीय को हटाया नहीं जाता, तब तक समस्या का स्थायी हल संभव नहीं है। अन्यथा विभागीय कर्मचारी अपने मूल कार्य का निर्वहन ढंग से नहीं कर पाएंगे।”

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