पुरी/भुवनेश्वर/नई दिल्ली। दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ चुकी पुरी की 15 वर्षीय किशोरी का शव रविवार रात कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ओडिशा लाया गया। लड़की का 70% शरीर जल चुका था, और उसने 14 दिनों तक ज़िंदगी की लड़ाई लड़ी, लेकिन शनिवार शाम को दिल्ली में उसका निधन हो गया।
हवाई अड्डे पर उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी
एम्स दिल्ली में पोस्टमार्टम के बाद शव को सेवा विमान के ज़रिए बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे, भुवनेश्वर लाया गया। उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा और स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने वहाँ पहुंचकर लड़की के पिता को सांत्वना दी और पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद शव को पुरी जिले के बलंगा स्थित उसके पैतृक गांव ले जाया गया।
#WATCH | Odisha | The mortal remains of a 15-year-old girl who was set on fire by miscreants on July 19 in Balanga, reach Bhubaneswar airport from AIIMS Delhi. pic.twitter.com/N7Yr2g3QHX
— ANI (@ANI) August 3, 2025
जब नाबालिग को आग के हवाले किया गया
घटना की जड़ें 19 जुलाई की उस शाम में हैं, जब बलंगा गांव में तीन अज्ञात बदमाशों ने कथित रूप से लड़की को आग लगा दी।
गंभीर रूप से झुलसी लड़की को पहले पिपिली CHC, फिर भुवनेश्वर एम्स, और अंततः दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया।
14 दिनों तक ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद, 26 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस का दावा: यह आत्महत्या थी, कोई आरोपी नहीं
लड़की की मौत के कुछ घंटों बाद ही ओडिशा पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए दावा किया कि इस मामले में कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं था।
पुलिस ने यह भी अपील की कि “घटना को लेकर कोई सनसनीखेज टिप्पणी न की जाए।”
लड़की के पिता ने भी एक वीडियो जारी कर बताया कि उसकी बेटी मानसिक तनाव में थी और उसने आत्महत्या की थी।
#WATCH | Bhubaneswar | Odisha Deputy CM Pravati Parida pays final tribute to the mortal remains of a 15-year-old girl who was set on fire by miscreants on July 19 in Balanga.
(Source: Odisha Deputy Chief Minister’s Office) pic.twitter.com/5blYXixvlD
— ANI (@ANI) August 3, 2025
बीजद सांसद ने उठाए सवाल
हालाँकि, बीजू जनता दल (बीजद) की सांसद सुलता देव ने पुलिस के इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने दावा किया कि “पुलिस गवाह के परिवार को चुप रहने की धमकी दे रही है।”
सुलता देव ने सवाल किया:
> “अगर कोई और शामिल नहीं है, तो 15 दिनों से जांच क्यों चल रही थी?”
उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा की डबल इंजन सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि “ओडिशा अब सुरक्षित नहीं रहा है।”
#WATCH | Delhi | On Odisha Police’s tweet stating ‘that no other person is involved’ in the case of the 15-year-old girl who was set on fire in Balanga, BJD MP Sulata Deo says, “… Police is threatening the witness’s family not to say anything… What is the police trying to… pic.twitter.com/nJWnbZYGph
— ANI (@ANI) August 3, 2025
अब सवाल यह है…
यदि यह आत्महत्या थी, तो लड़की ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
क्या पिता का बयान दबाव में आया?
कथित ‘तीन बदमाशों’ का जिक्र कहाँ गया?
क्या पुलिस निष्पक्ष जाँच कर रही है?
यदि किसी को क्लीन चिट मिल चुकी है, तो जाँच अब भी क्यों चल रही है?
न्याय और पारदर्शिता की कसौटी पर पुलिस
पुरी की इस नाबालिग बेटी की मौत ने ओडिशा की सामाजिक और राजनीतिक संरचना पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहाँ एक ओर सरकार और प्रशासन की संवेदनशीलता दिखी, वहीं दूसरी ओर, पुलिस की जांच प्रक्रिया पर विश्वास की कमी भी उजागर हुई है। यदि यह आत्महत्या है, तो उसके पीछे के कारणों की ईमानदारी से पड़ताल होनी चाहिए। यदि यह हत्या या उकसावे का मामला है, तो दोषियों को बचाने की किसी भी कोशिश को माफ़ नहीं किया जाना चाहिए।