Indus हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को सपोर्ट करता है। इसमें टॉप पर एक टॉगल बटन मिलता है, जिसके जरिए यूजर्स भाषाओं को बदल सकते हैं। टॉगल न केवल इंटरफेस पर कंटेंट की भाषा बदलता है बल्कि ऐप के नाम, ऐप ट्रेलर और वीडियो के साथ-साथ ऐप डिस्क्रिप्शन को भी बदल देता है। PhonePe ने कहा कि अनुवाद कंपनी की ओर से किया गया है।
इसके अलावा, प्लेटफॉर्म यूजर्स को उन भाषाओं में सर्च रिजल्ट देखने के लिए 12 क्षेत्रीय भाषाओं में से किसी में भी सर्च करने की अनुमति देता है। PhonePe के संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में लिप्यंतरण से भी रिजल्ट मिलेंगे। Android स्मार्टफोन यूजर्स यहां से ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल कर सकते हैं।
कंपनी ने कहा, इंडस ऐपस्टोर के लॉन्च के समय 200,000 ऐप थे। कुछ प्रमुख ऐप्स में फ्लिपकार्ट, डिज्नी+ हॉटस्टार, मिंत्रा, जोमैटो, स्विगी, स्नैपचैट और बहुत कुछ शामिल हैं। इस संख्या में कई हजार गेम भी शामिल हैं। प्लेटफॉर्म में गेमिंग की तीन प्रमुख कैटेगरी हैं जो कैजुअल गेमिंग, हेवी गेमिंग और रियल मनी गेमिंग (RMG) हैं।
डेवलपर प्लेटफॉर्म पर ऐप लिस्टिंग पहले वर्ष के लिए निःशुल्क होगी लेकिन उसके बाद, वार्षिक शुल्क लगाया जाएगा। PhonePe ने यह भी कहा कि अगर अलग भुगतान गेटवे का उपयोग किया जाता है तो मार्केटप्लेस डेवलपर्स से इन-ऐप भुगतान के लिए कोई प्लेटफॉर्म फीस या कमीशन नहीं लेगा। इसके विपरीत, Apple और Google इसके लिए 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत कमीशन लेते हैं और अन्य पेमेंट सर्विस के इंटिग्रेशन की अनुमति नहीं देते हैं।
इसके अलावा, प्लेटफॉर्म यूजर्स को ईमेल का उपयोग करने के बजाय मोबाइल नंबर और ओटीपी-आधारित लॉगिन करने की अनुमति देता है। ऐप रिकमेंडेशन के लिए, डेवलपर प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-आधारित एल्गोरिदम का उपयोग करता है और लोकेशन डेटा का उपयोग करता है। कुछ स्मार्ट फीचर्स भी हैं जैसे कि स्मार्ट अपडेट जो लेटेस्ट वर्जन में तेजी से अपडेट करने की अनुमति देंगे।
निगम ने यह भी कहा कि ऐप डेवलपर्स के पास यह विकल्प होगा कि वे अपने ऐप में विज्ञापन दिखाएं या नहीं। जो लोग इसमें शामिल होंगे, वे जनरेटेड एड रिवेन्यू से कमीशन कमा सकेंगे।