नई दिल्ली: एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ बढ़ाने के फैसले को “दबाव की रणनीति” करार देते हुए केंद्र सरकार का समर्थन करने की अपील की है। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि “देश के हितों की रक्षा” के लिए सभी को सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए।
अमेरिका ने यह टैरिफ दो चरणों में लागू करने की घोषणा की है—पहला 25% शुल्क 7 अगस्त से और तीन हफ्ते बाद अतिरिक्त 25%। इसमें तेल व्यापार सहित कई क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है।
पवार ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सीधा आरोप लगाने से बचते हुए ट्रंप की “आवेगपूर्ण कार्यशैली” पर टिप्पणी की और कहा कि बातचीत की गुंजाइश बेहद कम रह गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पड़ोसी देशों से बिगड़ते रिश्तों पर भी आगाह किया—“पाकिस्तान पहले से हमारे खिलाफ है, जबकि नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव हमसे खुश नहीं हैं।”
इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे “विदेश नीति के लिए बड़ा झटका” बताया, जबकि राहुल गांधी ने ट्रंप के कदम को “आर्थिक ब्लैकमेल” करार दिया और मोदी की चुप्पी को अडानी से जुड़ी अमेरिकी जांच से जोड़ा।
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कदम को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित में कार्य करता रहेगा।