
माखननगर (नर्मदापुरम)। शासकीय माखनलाल चतुर्वेदी महाविद्यालय माखननगर में आवाज संस्था और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में बाल संरक्षण विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में नर्मदापुरम जिले के 75 स्वयंसेवक और 13 कार्यक्रम अधिकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बरकतुल्ला विश्वविद्यालय की मुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी एवं राज्य स्तरीय प्रशिक्षक राहुल सिंह परिहार ने कहा कि “बाल संरक्षण जैसी बड़ी चुनौती से निपटने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। शिक्षा का अर्थ केवल अक्षर ज्ञान नहीं, बल्कि समाज को समझना और उसमें सकारात्मक योगदान देना भी है।”
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीता चौबे ने कहा कि समाज बच्चों को लेकर जागरूक होगा तभी हर बच्चा सुरक्षित और संरक्षित महसूस करेगा।
आवाज संस्था के निदेशक प्रशांत दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश बच्चों से जुड़े अपराधों में अत्यधिक संवेदनशील राज्य है। रोजाना 32 बच्चे लापता होते हैं, जिनमें 24 लड़कियां होती हैं और करीब 9 बच्चे कभी वापस नहीं मिल पाते। उन्होंने बाल अधिकारों पर विस्तृत जानकारी दी और कहा कि “बच्चों के पक्ष में समाज का नजरिया बदलना आवश्यक है।”
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में काशिफा मंसूरी ने पॉक्सो कानून और बच्चों के लैंगिक शोषण पर चर्चा की, वहीं रुपेश वर्मा ने जेजे एक्ट, बाल कल्याण समिति एवं बाल संरक्षण क्लब की जानकारी दी।
रासेयो जिला संगठक डॉ. दिग्विजय सिंह खत्री ने “यूथ एज चैम्पियन फॉर चाइल्ड राइट्स” कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह परियोजना मध्यप्रदेश के 55 जिलों में युवाओं को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक कर समाज को संवेदनशील बनाने का कार्य कर रही है।
अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। मंच संचालन डॉ. अनिता साहू ने किया तथा आभार पंकज बैरवा ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पंकज बैरवा, डॉ. अनिता साहू, अमित तिवारी, अमित ठाकुर, डॉ. धर्मेंद्र सिंह चौहान, सुषमा यादव, डॉ. आकांक्षा यादव, राजकुमार पटवा, स्वस्तिक रावत सहित जिले के अनेक कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही।