नई दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और चैटबॉट्स की दुनिया में आज एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने तकनीक की संभावनाओं को लेकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। OpenAI के ChatGPT की मदद से एक महिला ने अपनी माँ की जान बचाने का दावा किया है — वो भी तब, जब देश के बड़े डॉक्टर और अस्पताल इस बीमारी की पहचान नहीं कर सके थे।
1.5 साल से जारी खांसी, सभी इलाज फेल
श्रेया नाम की एक महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि उनकी मां को लगातार 1.5 साल से खांसी थी। उन्होंने कई शहरों में बड़े डॉक्टरों से परामर्श लिया, एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद जैसी हर पद्धति को आज़माया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालत इतनी बिगड़ गई कि अंदरूनी रक्तस्राव (internal bleeding) भी शुरू हो गया।
डॉक्टरों ने चेतावनी दी — “यदि अगले 6 महीनों में सुधार नहीं हुआ, तो यह जानलेवा हो सकता है।”
AI की तरफ उम्मीद से देखा… और मिला समाधान!
आख़िरकार, जब कोई रास्ता नहीं बचा, श्रेया ने ChatGPT की मदद लेने का निश्चय किया। उन्होंने बॉट को अपनी मां के तमाम लक्षणों की जानकारी दी। AI ने संभावित कारणों की एक सूची बनाई, और सुझाव दिया कि ब्लड प्रेशर की एक खास दवा का साइड इफेक्ट इस खांसी की वजह हो सकता है।
श्रेया ने जब अपनी मां की दवा की सामग्री ChatGPT को बताई, तो AI ने तुरंत संबंधित दवा इंग्रीडिएंट की ओर इशारा किया। डॉक्टर से इस विषय पर चर्चा करने पर उन्होंने भी यही बात मानी — और दवा बदलते ही माँ की हालत में तेजी से सुधार होने लगा।
“ChatGPT ने मेरी माँ की जान बचाई”
श्रेया ने पोस्ट में लिखा:
“मैं बेहद डरी हुई थी। मैंने हताशा में ChatGPT को सारी जानकारी दी। बॉट ने जो संभावनाएं गिनाईं, उनमें एक ब्लड प्रेशर की दवा थी — हमने इस ओर कभी सोचा भी नहीं था। ChatGPT ने पूछा — क्या आपकी माँ यह विशेष इंग्रीडिएंट वाली दवा ले रही हैं? जवाब हाँ था। डॉक्टर ने पुष्टि की और दवा बदल दी। अब मेरी माँ ठीक हो रही हैं। कोई अतिशयोक्ति नहीं — ChatGPT ने उनकी जान बचाई है।”
ChatGPT saved my mom
My mom had a nonstop cough for 1.5 years.
We saw top doctors, visited big hospitals in & out of the city, tried homeopathy, ayurveda, allopathy nothing helped.
It got worse: internal bleeding started.
Doctors said, “If this goes on for 6 more months, it could…— Shreya.tsx (@Life_of_coder) July 23, 2025
लोगों की प्रतिक्रियाएं — सराहना भी, चेतावनी भी
इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रियाएं आईं:
कुछ लोगों ने AI की भूमिका की सराहना की और श्रेया की माँ के ठीक होने पर बधाई दी।
कुछ यूज़र्स ने डॉक्टरों की आलोचना की कि एक आम दवा के दुष्प्रभाव को इतने विशेषज्ञ क्यों नहीं समझ सके?
कई यूज़र्स ने AI के बढ़ते असर पर चिंता जताई कि अगर ऐसे मामलों में AI बेहतर विकल्प बनता गया, तो क्या डॉक्टरों की नौकरियां खतरे में हैं?
क्या कहता है यह मामला?
यह घटना सिर्फ ChatGPT की क्षमता नहीं, बल्कि आज के मरीज की जागरूकता और तकनीक के सहयोग की मिसाल है। यह दिखाता है कि जब मरीज अपनी सेहत को लेकर खुद भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं, और तकनीक को जिम्मेदारी से इस्तेमाल करते हैं, तो संभावनाएं कहीं अधिक खुलती हैं।
AI डॉक्टर की जगह नहीं ले सकता, लेकिन उसकी सोचने की दिशा को चुनौती जरूर दे सकता है।
Disclamer : ChatGPT मेडिकल सलाह नहीं देता, लेकिन यह एक ज्ञान-आधारित मार्गदर्शक की तरह काम कर सकता है। सभी मामलों में अंतिम निर्णय और निदान प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा ही लिया जाना चाहिए।