
नर्मदापुरम: सोशल मीडिया में दो से अधिक संतान के संबंध में लोक शिक्षण संचनालय का एक आदेश वायरल हो रहा है। जिसे लेकर एक बार फिर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल द्वारा जारी आदेश क्र./ यू.सी.आर./ए/वि.स.बजट / तारां.प्र.क्र. 1198/704 भोपाल, दिनांक 13/5/2024 के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी जिला टीकमगढ़ को बताया गया है कि, आपका आदेश क्र./ विशेष सेल / अध्या. प्रकोष्ठ /नियुक्त/2018/100223 दिनांक 03.10.2018 द्वारा श्री उदयप्रसाद लोधी सहायक अध्यापक को प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। तत्संबंध में विधान सभा बजट सत्र में शीर्षक “शिक्षक नियुक्ति की जाँच के संबंध में”। से उद्भूत तारांकित प्रश्न क्र. 1198 दिनांक 19.02.2024 के अनुक्रम में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग सागर द्वारा की गई जांच में यह पाया गया है कि श्री ऊदल प्रसाद लोधी प्राथमिक शिक्षक की दो से अधिक सन्तान हैं।

मध्य प्रदेश में तीन संतान वाले सरकारी नौकरी के अयोग्य
नवीन संवर्ग में नियुक्ति भर्ती नियम 2018 के नियम-9 (निरर्हताए) की कंडिका (5) के अनुसार ‘कोई भी अभ्यर्थी जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हो। जिनमें से एक का जन्म दिनांक 26.01.2001 को या उसके पश्चात हुआ हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होगा। उक्त निर्देशों तथा नियमों के संदर्भ में श्री उदल प्रसाद लोधी, प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु पात्र नहीं है।

अपात्र कर रहे नौकरी
सोशल मीडिया कमेंट किया है कि यह ताजा आदेश 13 मई 2024 का है। शिक्षा विभाग में तीन तीन संतान वाले शिक्षक भरे पड़े हैं। कुछ ने तो 2001 के बाद तीन संतान होने पर शासन को गुमराह कर का नौकरी पाली हैं, तो नौकरी पर रहते हुए तीसरी संतान पैदा कर ली जो शासकीय सेवा के पात्र नहीं हैं। साथ ही यह भी कमेंट किया गया कि सोहागपुर कन्या संकुल एवं सेमरी संकुल में कुछ टीचर अपात्र है फिर भी विभाग की मिली भगत से अब तक जॉब कर रहे हैं। ऐसे कमेंट सारे जिले में वायरल आदेश पर रहे है।
विभाग लेगा संज्ञान !
शिक्षा विभाग में ऐसे कई शिक्षक है जिनकी तीन से अधिक संतान भी हैं। उसके बाद भी शिक्षा विभाग मोनी बाबा बना हुआ हैं। इस आदेश के वायरल होने के बाद क्या विभाग स्व संज्ञान लेते हुए। उक्त शिक्षकों पर कार्रवाई की जहमत उठाएगा या फिर अपात्र ऐसे ही नौकरी करते रहेंगे।