Narmadapuram News: बीजेपी – कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री आजमा चुके हैं भाग्य एक जीता एक हारा

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव में सबसे पहले सीधा मुकाबला 1984 में हुआ, 35 सालों में कांग्रेस को दो बार ही सफलता मिली

देनवापोस्ट एक्सक्लूसिव: होशंगाबाद लोकसभा सीट पर अभी तक कुल 17 चुनाव हो चुके हैं। इसमें  आठ बार बीजेपी तो सात बार कांग्रेस को जीत मिली,जबकि एक बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और एक बार भारतीय लोक दल को सफलता मिल पाई। खास बात यह है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच पहला सीधा मुकाबला 1984 में हुआ था। इन 35 वर्षों में इस सीट पर कांग्रेस को सिर्फ दो बार ही मौका मिला। 2009 में कांग्रेस के राव उदय प्रताप ने बीजेपी से मात्र 2.7 फीसदी के अंतर से होशंगाबाद लोकसभा संसदीय सीट झटक ली थी। लेकिन 2014 में राव उदय प्रताप कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। उसके बाद से बीजेपी ने भारी अंतर से इस सीट पर कब्जा कर लिया जो निरंतर जारी है। इस बार लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा वहीं बीजेपी से दर्शन सिंह चौधरी मैदान में हैं।होशंगाबाद लोकसभा सीट में 26 अप्रैल को मतदान होना है।

दो पूर्व मुख्यमंत्री आजमा चुके हैं भाग्य

होशंगाबाद लोकसभा सीट में हाई प्रोफाइल सीट में गिनी जाती है। क्योंकि यहां यहां से प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी अपना भाग्य आजमा चुके हैं। जिसमें कांग्रेस को हार मिली तो बीजेपी को जीत मिली थी। 1998 में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े लेकिन बीजेपी से सरताज सिंह ने उन्हें मात दे दी। यह वही साल था जब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जिसमें अटल बिहारी वाजपेई 13 दिन के प्रधानमंत्री बने और बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा इसके बाद संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार का गठन हुआ लेकिन यह सरकार भी 18 महीने से ज्यादा नहीं टिक पाई इसके बाद फिर 1999 में चुनाव हुए। इसके बाद भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को इसी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जिन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार को शिकस्त देकर बीजेपी के लिए सुरक्षित कर दी थी।

2009 में महज 2.7 फीसदी मतों का अंतर

बस 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर का आंकड़ा 47.73 फीसदी था जबकि भाजपा का उसे चुनाव में 45.03 फीसदी वोट मिले थे। अगर दोनों दलों की बात करें तो दलों के बीच महज 2.7 फीसदी वोट का अंतर रह गया था। जबकि अन्य प्रत्याशी को 7.24 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे।

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