दीपक शर्मा/ नर्मदापुरम : मोदी सरकार की तरफ से सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम सरकारी खरीद वेबपोर्टल GeM (Goverment E Marketplace) से लाखो का सामान करोड़ों में जिले भर की पंचायतों में खरीदा गया।अब जिले में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायको को gem से कैसे खरीदी करते हैं इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिले की पंचायतों एसबीएम के नाम पर करीब चार साल से Gem पोर्टल से करोड़ो की खरीदी की जा रही हैं। जिसमे दो वेंडर गोमती इंटरप्राइजेस और बल्लू इंटरप्राइजेस से लाखों का सामान करोड़ों में खरीदा गया। लेकिन अब यह बात समझ से परे हैं कि प्रशिक्षण में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायको यह बताया जा रहा है कि Gem पोर्टल से सामान बाजार से कम दाम पर मिलेगा। फिर भी अभी तक बाज़ार से 75 फीसदी ज्यादा दाम पर ताबड़ तोड़ खरीदी की जा रही है इसका ज़बाब किसी के पास नही है।आश्चर्य इस बात का होता है कि अधिकतर पंचायतों में तो सफाई कर्मचारी भी नही है। फिर भी वहां समान खरीदा गया और अब वह पड़े पड़े खराब हों रहा है।
पूर्व सरपंच पति ने बताया कि हमने इसका विरोध किया था लेकिन अधिकारियों ने एक नही सुनी और कहा जो सामान आया उसका भुगतान करो।
फेक्ट फाइल
देनवा पोस्ट के कुछ सवाल हैं
सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए Gem पोर्टल शुरू किया गया तो इतना महंगा समान क्यो खरीदा जा रहा है। जबकि बाजार में इससे सस्ता उपलब्ध है।
Gem पोर्टल से पंचायते चार साल से खरीदी कर रही हैं तो सरपंच, सचिव और रोजगार सहायको को खरीदी करने का प्रशिक्षण क्यों दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण के बाद इस बात की क्या गारंटी कि Gem पोर्टल से अभी तक खरीदा गया 75 फीसदी महंगा समान अब सस्ता मिलेगा। जो अभी तक हुईं पैसे की बर्बादी की जिम्मेदारी किसकी है।