Narmadapuram News : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को केंद्रीय जेल नर्मदापुरम के बंदियो द्वारा बनाई पोर्ट्रेट, वर्ली आर्ट पेंटिंग एवं बांस की टोकरी भेंट की



मुख्यमंत्री डॉ यादव को कलेक्टर ने केंद्रीय जेल में बंदियो को दिए जा रहे हैं विभिन्न स्वरोजगार प्रशिक्षण की जानकारी दी

नर्मदापुरम :  प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मंगलवार को नर्मदा पुरम जिले के प्रवास पर थे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव को स्थानीय सर्किट हाउस में केंद्रीय जेल नर्मदा पुरम के महिला एवं पुरुष बंदियो द्वारा बनाई वर्ली आर्ट पेंटिंग,  मुख्यमंत्री जी का पोट्रेट एवं अन्य वस्तुओं से भरी टोकरी भेंट की। जिला जेल अधीक्षक श्री संतोष सोलंकी एवं सहायक जेल अधीक्षक श्री हितेश बंडिया द्वारा उक्त भेंट दी गई। वर्ली आर्ट पेंटिंग एवं पोट्रेट पेंटिंग महिला बंदी श्रीमती तबस्सुम एवं लाल बेन द्वारा बनाई गई थी। वहीं जेल में महिला बंदियो द्वारा संचालित अंजनी स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित गणेश जी की प्रतिमा,  मोरिंगा पाउडर, आंवला अचार,  मिक्स अचार, आवला सुपारी,  अरोमा मोमबत्ती, मोमबत्ती पैकेट तथा पर्यावरण संरक्षण की थैली भेंट की गई। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सभी उपहारो की सराहना की और बंदियो द्वारा किए गए इस नवाचार की भरपूर सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भेंट की गई टेबल मेट का उपयोग वे पूजा अर्चना में करेंगे।

इस दौरान कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव को बताया की केंद्रीय जेल नर्मदापुरम प्रदेश की एकमात्र ऐसी जेल है जहां पर सबसे पहले महिला बंदियो के सहायता समूह का गठन किया गया  और बंदियो को स्वरोजगार से जोड़ा गया है।  महिला बंदी अचार, मोमबत्ती मोरिंगा पाउडर एवं अन्य छोटी-छोटी चीजों का निर्माण कर रही है। सभी बंदियो को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में लगभग 98% बंदी स्वरोजगार में प्रशिक्षित हैं। साथ ही जो बंदी जेल से रिहा हो चुके हैं उन्हें भी बुलाकर स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया गया है। इसी के चलते आज रिहा हुए आठ बंदियो को विभिन्न बैंक के माध्यम से सरकार की स्वरोजगार योजनाओं के तहत लोन भी प्राप्ति हुई है आज सभी यह बंदी विभिन्न रोजगार कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।



कलेक्टर ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को जानकारी दी कि स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण में सभी विभाग अपना योगदान दे रहे हैं। वन विभाग द्वारा बंदियो को बास से बने उत्पादन का प्रशिक्षण, नर्सरी एवं वर्मी कंपोस्ट का प्रशिक्षण दिया जाता है। उद्यानिकी विभाग खाद्य प्रसंस्करण, अचार पापड़ का निर्माण का प्रशिक्षण देती है तो वही ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान नर्मदापुरम द्वारा सिलाई एवं डेयरी फार्मिंग, वर्मी कंपोस्ट, एनवलप,  फोल्डर निर्माण (लिफाफा) का प्रशिक्षण दे रही है। वहीं वन स्टाफ सेंटर सखी द्वारा ब्यूटी पार्लर का,  कामधेनु स्व सहायता समूह द्वारा रुई एवं मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण,  जिला पंचायत द्वारा समूह को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण, केंद्रीय जेल द्वारा कारर्पेंन्ट्री का, महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय द्वारा एमएस ऑफिस,  हिंदी टाइपिंग का, आईटीआई नर्मदापुरम द्वारा इलेक्ट्रिकल वायरिंग का,  मत्स्य पालन विभाग द्वारा मत्स्य पालन प्रक्रिया एवं विपणन का,  शासकीय ग्रह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा मशरूम,  अजोला एवं वर्मी कंपोस्ट निर्माण का, पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालन एवं पशुओं के प्रकार एवं शासन की विभिन्न योजनाओं का प्रशिक्षण लगातार दिया जा रहा है। जेल से रिहा हुए 21 बंदियो को भी डेयरी फार्मिंग एवं वर्मी कंपोस्ट का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

कलेक्टर ने बताया कि फरवरी 2025 में जेल में बंद बंदियों को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने की कार्य योजना बनाई गई है जिसके तहत रेशम विभाग द्वारा रेशम निर्माण एवं विपणन का, वन स्टाफ सेंटर द्वारा मेहंदी डिजाइन,  शासकीय महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय एमएस ऑफिस का, शासकीय महिला पॉलिटेक्निक द्वारा हिंदी टाइपिंग का एवं आईटीआई नर्मदापुरम द्वारा इलेक्ट्रिकल वायरिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कलेक्टर सुश्री मीना ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को अवगत कराया की केंद्रीय जेल नर्मदा पुरम में कैंटीन संचालित है जहां पर स्व सहायता समूह की 30% सामग्री जैसे नमकीन अचार गुड़ पट्टी,  सुपारी, टेस्टी मूंगफली,  मोरिंगा पाउडर, मुरब्बा आदि का कैंटीन में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में अंजलि स्वयं सहायता समूह के द्वारा विगत दो माह में 1 लाख 36 हजार रुपए का लाभांश कमाया गया है। साथ ही बताया गया कि कंप्यूटर प्रशिक्षण के पश्चात प्रशिक्षित बंदी कार्यालय में ही कार्य कर रहे हैं। बंदियो को बांस की टोकरी,  खिलौने, आराम कुर्सी आदि का भी प्रशिक्षण दिया गया है तथा मशरूम के प्रशिक्षण के पश्चात मशरूम का लगभग 40 किलोग्राम का उत्पादन भी बंदियो द्वारा किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने बंदियो  द्वारा किए जा रहे हैं कार्यों की सराहना की और कहा कि यह कार्य सतत रूप से जारी रहे।

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