गौवंश को संरक्षण देने के लिए शासन द्वारा गौशालाओं का निर्माण कराया गया। चार साल पहले 2020 में गूजरवाड़ा में गौशाला को स्वीकृति मिली। लेकिन 35 लाख 15 हजार रुपए खर्च कर अधूरी गौशाला तैयार कर दी। ऐसे में गौशाला अनुपयोगी साबित हो रही है और गौवंश सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं। गौ-संरक्षण के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए लेकिन नतीजा सिर्फ शून्य है।

माखननगर: ग्राम पंचायत गुजरवाड़ा में गौशाला का निर्माण कर गौवंश को रखा जाना था, लेकिन अधूरी पड़ी गौशाला से गौवंश को सहारा नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं गौशाला का निर्माण अधूरा छोड़कर राशि का आहरण कर लिया गया है। मनरेगा के तहत 37.88 लाख रुपए खर्च कर गौशाला का निर्माण कराया गया था। लेकिन 4 वर्ष होने के बाद भी गौशाला में अब तक एक भी गौवंश को ठिकाना नहीं मिल सका है।गौशाला बनाने की योजना कांग्रेस सरकार द्वारा 2019 में लाई गई थी। जिसके तहत ही बड़े-बड़े गांव में जहां गोदान आवारा पशु है उनके लिए गौशाला का निर्माण किया जाना था और इसमें संचालन के लिए समूह को आवंटित किया जाना है।
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न दरवाजा लगा, न हुई बिजली फिटिंग
गौशाला का भवन भले ही बनकर तैयार हो गया है, लेकिन उसमें न तो दरवाजा लगा है न ही बिजली फिटिंग कराई गई है। ग्राम पंचायत गुजरवाड़ा का गौशाला का कार्य 2020 से प्रारंभ हुआ था लेकिन अभी तक अपूर्ण है कहीं ना कहीं ग्राम पंचायत सरपंच एजेंसी द्वारा लापरवाही की जा रही है। ग्राम पंचायत गौशाला का कार्य जब प्रारंभ हुआ था पूर्व सरपंच पुनियाबाई यादव द्वारा करीब 6 लाख 50 हजार का कार्य किया गया था। वर्तमान में 35 लाख 15 हजार का कार्य हो चुका है। उसके बाद भी गौशाला अभी अधूरी ही है। अधूरे काम होने के बाद भी राशि का आहरण कर लिया गया। सहायक यंत्री हरि कृष्णा नायक ने फिर सरपंच एवं सचिव नोटिस जारी कर कहा कि 15 दिवस में निर्माण कार्य पूरा कर गौशाला संचालन करे।

नोटिस के सहारे गौशाला निर्माण
बाबई जनपद की ग्राम पंचायत गूजरवाड़ा और बज्जरवाड़ा में निर्माणाधीन गौशाला का निर्माण कार्य पूरा न होने पर जिला पंचायत सीईओ नर्मदापुरम के निर्देश पर सहायक यंत्री हरि कृष्णा नायक ने नोटिस जारी कर कहा कि 10 जनवरी 2024 तक निर्माण कार्य पूरा एवं गौशाला प्रगति प्रतिदिन सुनिश्चित करने का नोटिस दिया था।

सड़क किनारे आराम करते पशु
बाबई जनपद की पंचायत गूजरवाड़ा में गोवंशो के संरक्षण के लिए गौशाला का निर्माण कराया जा रहा हैं। इन गौशालाओं का निर्माण होते हुए करीब चार वर्ष हो गए। लेकिन अभी तक अपूर्ण है। क्या नोटिस के सहारे ही गोशाला का निर्माण होता रहेगा। यह हमारे सरकारी तंत्र एक बड़ी खामी है कि कोई निर्माण समय पर नही हो सकता है। जबकि क्षैत्र में लोगो के कई निजी निर्माण चल रहे जिन्हे अधिकतम छ: माह मे पूर्ण कर लिया जाता हैं। अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत गूजरवाड़ा में घूम रहे आवारा पशुओं की समय पर कोई व्यवस्था नही होगी या फिर सिर्फ नोटिस थमा की कर इतिश्री कर ली जाएगी।