
नर्मदापुरम:माखननगर के सिराली कालोनी में नहर की जमीन पर अतिक्रमण कर मशीनरी लगाने के मामले में एक नया खुलासा हुआ। नहर विभाग की भूमि से लगी भूमि के भू स्वामी ने नियमों को दरकिनार करते हुए नहर विभाग की 7 हजार वर्ग फुट बेशकीमती जमीन को मनमर्जी से एक फर्म को एक साल के किराए के लिए सौंप दी, जबकि नियमानुसार निजी व्यक्ति का नहर की जमीन पर किसी भी प्रकार से कोई स्वामित्त्व नहीं होता है। मगर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कब्जाधारियों पर कार्रवाई करना तो दूर की बात मौके पर जाकर देखना तक जरूरी नहीं समझा।हैरत की बात यह है कि विभागीय अधिकारी इस ओर से अनजान बने हुए हैं।यह जमीन नहर विभाग के खाते में आती है। इस जमीन से संबंधित पूरी नहर विभाग की होती है। गौरतलब रहे कि माखननगर में सड़क निर्माण कार्य होना है। सड़क निर्माण का कार्य करने वाली एक फर्म बिंदल डेव्लपर्स ने सिलारी कालोनी की नहर की जमीन में निजी भूस्वामी से सांठगांठ कर वहां पर गिट्टी का स्टाक कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी केे अनुसार सड़क ठेकेदार सीपी 30 प्लांट स्थापित करने वाला है।

ये है नियम-कायदा- नहर विभाग के नियमों के अनुसार नहर किनारें की जमीन का किसी भी प्रकार से व्यावसायिक प्रयोनार्थ उपयोग नहीं किया जा सकता है। नहर की जमीन भी औद्योगिक गतिविधियों का संचालन पूरी तरह अवैध है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि नहर विभाग को केैसे नही पता कि एक फर्म को किस आधार पर उनकी जमीन को एक-दो ही बल्कि एक साल के लिए किराए पर दी गई।
देनवापोस्ट को नहर विभाग के एसडीओं पीएल दायमा ने बताया कि मुझे अभी ही इसकी जानकारी मिली है। मैं ठेकेदार से समान हटाने के लिए कहता हूं। वही इसका कोई जबाब नही मिला कि उनकी जगह कोई किराए पर कैसे दे सकता है और उसके खिलाफ विभाग कोई कार्रवाई करेगा।