
HighLights
- अस्पताल प्रबंधन एवं संचालक पर इलाज में लापरवाही का आरोप
- चिल्ड्रन हॉस्पिटल में इलाज के लिए बुधवार सुबह लाया गया था
- टेस्ट ट्यूब बेबी पद्धति से हुआ था बच्चे का जन्म
नर्मदापुरम। बुधवार शाम जिला मुख्यालय पर संचालित एक निजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती 4 वर्षीय बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्चा माखननगर की विकासखंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर शोभना चौकसे का था। मौत होने के बाद चौकसे ने अस्पताल प्रबंधन एवं संचालक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है, वहीं अस्पताल संचालक का कहना है कि इलाज में किसी तरह की चूक नहीं हुई है।
संचालक डा राजेश पाटिल ने बताया कि हमने उल्टी दस्त का प्राथमिक उपचार कर दिया था, इसके बाद बच्चे की छुट्टी कर दी गई थी। देर शाम उसे यहां लाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
जानकारी के अनुसार माखननगर में पदस्थ डॉ शोभना चौकसे के यहां 25 साल बाद टेस्ट ट्यूब बेबी पद्धति से दो जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ था, इनमें से एक बच्चे को मंगलवार से उल्टी दस्त की शिकायत थी, इस वजह से बच्चे को यहां के ऋषि चिल्ड्रन हॉस्पिटल में इलाज के लिए बुधवार सुबह लाया गया था।
चौक एकसे ने आरोप लगाया कि बच्चे को भर्ती करने की जगह इलाज देकर छुट्टी कर दी गई, लेकिन शाम को उनके बच्चे की हालत बिगड़ी जिससे उसकी मौत हो गई। बीएमओ के बेटे की मौत के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। इधर अस्पताल संचालक डॉक्टर राजेश पाटिल के बचाव में भी एसोसिएशन के कुछ चिकित्सक आगे आए। चौकसे अस्पताल प्रबंधन से मृत्यु प्रमाण पत्र देने की मांग कर रही थीं, लेकिन पाटिल का कहना था कि उनके अस्पताल परिसर में मौत नहीं हुई है, इसलिए वे किसी तरह का प्रमाण पत्र नहीं दे सकते।