
मुरैना जिला पंचायत सीईओ ने फर्जी जॉबकार्ड से करोड़ों की राशि हड़पने वाले 4 पंचायत सचिवों को निलंबित करने के साथ ही छह जीआरएस को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई से जिले के अन्य सचिव और जीआरएस के बीच हड़कंप मचा हुआ है।
मनरेगा मजदूरों के 48 जॉब कार्ड बनाकर दो साल में निकाल ली गई 20 करोड़ मजदूरी
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जिसमें बताया गया था कि “एक गांव में फर्जी नाम से मनरेगा मजदूरों के 48 जॉब कार्ड बनाकर दो साल में 20 करोड़ मजदूरी निकाल ली गई। ये मनरेगा में मजदूरी तो कर रहे है, लेकिन वोटर लिस्ट में कहीं भी इनके नाम नहीं है। जिला पंचायत सीईओ कमलेश कुमार भार्गव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू की।
जांच के दौरान चार पंचायतों के सचिव और आधा दर्जन ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायक दोषी पाए गए। इनके नाम सबलगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत कढावना के पंचायत सचिव अखलेश चतुर्वेदी, कैलारस जनपद की पंचायत बहराना के बासुदेव, जौरा जनपद की पंचायत सिंघोरा के राजेंद्र कुशवाह और मुरैना जनपद की पंचायत नायक पुरा के लोकेन्द्र सिंह है। जिपं सीईओ ने इनको तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।
इसी प्रकार सबलगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत कढावना के ग्राम रोजगार सहायक बैजनाथ सिंह, पहाड़गढ जनपद की ग्राम पंचायत जडेरु के रोजगार सहायक मुकेश सिंह, निचली बहराई के भूपेन्द्र सिंह, कुकरोली पंचायत के लक्ष्मण सिंह, जौरा जनपद की ग्राम पंचायत सिंघोरा के जितेंद्र गुर्जर तथा मुरैना जनपद की ग्राम पंचायत नायकपुरा की रोजगार सहायक को बर्खास्त किया गया है।
जिला पंचायत CEO की जांच कराई गई तो शिकायत सही मिली
इस मामले में जिला पंचायत CEO कमलेश कुमार भार्गव ने बताया “पिछले दिनों शिकायत मिली थी कि कुछ लोग फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा से राशि हड़प रहे हैं। जब इसकी जांच कराई गई तो शिकायत सही मिली। मामले में 4 सचिव और छह जीआरएस के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।”