तकनीकी शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में दाखिले को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत पॉलिटेक्निक का दो साल पूरा करने वाले विद्यार्थियों को 12वीं पास के समकक्ष माना जाएगा। यह प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा मंडल को भेजा गया है और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू हो सकती है।
फिलहाल पॉलिटेक्निक डिप्लोमा तीन साल का होता है और इसे करने के बाद विद्यार्थी सीधे बीई के सेकंड ईयर में प्रवेश के पात्र होते हैं, लेकिन अब तक पॉलिटेक्निक करने वालों को कॉमर्स, आर्ट्स या अन्य मेन स्ट्रीम्स में प्रवेश नहीं मिल पाता है, जिससे वे मुख्यधारा की उच्च शिक्षा से कट जाते थे। इस वजह से कई विद्यार्थी पॉलिटेक्निक में एडमिशन लेने से हिचकिचाते हैं, जिससे तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिले घटे हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने पॉलिटेक्निक में एडमिशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। प्रस्ताव के अनुसार, यदि कोई विद्यार्थी तीन साल के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेकर कम से कम दो साल की पढ़ाई पूरी करता है, तो उसे हायर सेकंडरी यानी 12वीं कक्षा के समकक्ष माना जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस पहल से पॉलिटेक्निक की विश्वसनीयता बढ़ेगी और विद्यार्थियों को करियर के अधिक विकल्प मिलेंगे। इससे न सिर्फ तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं को शैक्षणिक लचीलापन भी मिलेगा।