
मध्यप्रदेश में आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अपने बयानों पर 7 दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है। विधायक को नोटिस बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने जारी किया है लेकिन उसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। पार्टी आलाकमान के सख्त तेवर से यह साफ हो गया है कि विधायक चिंतामणि मालवीय के समक्ष अब दो ही विकल्प बचे हैं। वे या तो माफी मांग लें या पार्टी की कार्रवाई का सामना करें। हालांकि विधायक चिंतामणि मालवीय अभी बगावती रुख अपनाते दिख रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि माफी मांगना मेरे स्वभाव में नहीं है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में विधायक चिंतामणि मालवीय ने उज्जैन में सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीनें स्थायी तौर पर लेने के लिए जारी नोटिस पर सरकार पर सवाल उठाए थे। 18 मार्च को उन्होंने सदन में कहा कि किसान सिंहस्थ के लिए अपनी जमीन देते रहे हैं लेकिन स्थायी अधिग्रहण गलत है। किसानों को इसमें कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया के षड्यंत्र की आशंका है।
आलोट विधायक ने यह भी कहा कि कोई हजारों करोड़ की कमाई कर सकता है, लेकिन याद रखना चाहिए कि कफन में जेब नहीं होती। विधायक चिंतामणि मालवीय के बयान के बाद प्रदेशभर में सियासी हलचल मच गई थी। उनकी शिकायत आलाकमान को की गई जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस जारी किया गया।
विधायक चिंतामणि मालवीय इस मुद्दे पर झुकने के लिए तैयार नहीं दिख रहे। सोमवार को पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर उचित जवाब दूंगा।
खास बात यह है कि विधायक चिंतामणि मालवीय ने माफी मांगने से सार्वजनिक तौर पर इंकार किया है। उन्होंने सदन में दिए गए अपने बयान को अंतिम बताया। विधायक चिंतामणि मालवीय ने मीडिया से कहा कि जो कुछ कहना था, मैं सदन में कह चुका हूं। माफी मांगना मेरा स्वभाव नहीं है।