Mp News:बाढ़ के बाद बर्बादी, लोग बोले

मध्यप्रदेश के कटनी जिले में करीब 58 घंटे हुई बारिश ने कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात कर दिए। लोगों के धर पानी में डूब गए और सारा सामान खराब हो गया। हालांकि, अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है, लेकिन जाते-जाते उसने सिर्फ तबाही के निशान छोड़े हैं।

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा, स्लिमानाबाद के करीब 20 गांव में आई बाढ़ ने सैकड़ों कच्चे घरों को निस्तोनाबूत कर दिया। किसी ने अपना घर और गृहस्थी का सामान खोया तो किसी के मवेशी बाढ़ में बह गए। जिला प्रशासन, पुलिस, स्थानीय समाजसेवी समेत SDERF और NDRF की रेस्क्यू टीम ने करीब 2300 लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों तक पहुंचाया, जहां उनको खाने-पीने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। फिर भी लोगों के चेहरे पर परेशानियों की लकीर साफ नजर आ रही है।

पीड़ितों ने कहा- साहब! घर-बार टूट गया, लौटकर कहां जाएं

कटनी जिला प्रशासन द्वारा लोगों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्थाओं के लिए 9 अस्थाई राहत केंद्र बनाए गए हैं जहां महिला, पुरुष, बच्चे सहित कुल 2300 लोग आश्रय लिए हुए हैं। हालांकि, वहां मौजूद लोगों की एक ही परेशानी है कि यहां से निकलकर कहां जाएंगे। उमरियापान के छोटी पौड़ी निवासी पुष्पलता बर्मन ने अपनी आपबीती बताई कि किस तरह वो अपने पति और 2 बच्चों को कंधे पर बिठाकर गले तक भरे पानी से बाहर आई हैं। लेकिन, उनका सब कुछ पानी में तबाह हो गया है, न घर बचा, न खाने को अनाज।

शासन-प्रशासन से पीड़ितों ने लगाई गुहार

लोगों से उनकी स्थितियों और समस्याओं का जायजा लेने राहत शिविर केंद्र पहुंचे कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और बड़वारा विधायक धीरेंद्र सिंह को देख लोगों की आस जाग उठी। पीड़ितों ने उन्हें बताया कि हमारी फसल नष्ट हो गई और कच्चे मकान टूट गए हैं। पहनने के कपड़े से लेकर खाने का अनाज खराब हो गया, पैसों का भी कुछ पता नहीं है। प्रशासन ने 4 दिनो की व्यवस्था की है, लेकिन हम सब लौटकर कहां जाएं। हमने सब कुछ खो दिया है, हमारे लिए मकान और राशन का इंतजाम कराएं, ताकि जीवन यापन की शुरुआत हो सके।

नुकसान का आकलन करने राजस्व अमला करेगा सर्वे

बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को सुनकर बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने लोगों को आश्वासन दिलाया है कि जब तक उनकी पूरी व्यवस्थाएं नहीं हो जातीं, वह उनके साथ रहेंगे। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से चर्चा करते हुए कहा कि किसकी कितनी हानि हुई है और किस चीज का नुकसान हुआ है, इसके सर्वे के लिए पटवारी और राजस्व अमले को जमीनी स्तर पर भेजा जाएगा। खेती, टूटे मकान, मवेशियों की मौत से लेकर अन्य नुकसान का आकलन किया जाएगा ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत राशि पहुंचाई जा सके। तब तक शासन-प्रशासन द्वारा मदद की जाए।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

error: Content is protected !!