राजधानी भोपाल में सामने आए कथित लव जिहाद मामले में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस्लाम में लव जिहाद जैसी किसी चीज़ की कोई गुंजाइश नहीं है और इस तरह के कृत्य इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं। शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी और शहर मुफ्ती अबुल कलाम कासमी ने बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। शहर काजी नदवी ने कहा कि इस्लाम एक पाक और शुद्ध धर्म है, जो सिर्फ अच्छाई और सच्चाई का समर्थन करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “लव जिहाद” जैसी अवधारणाएं इस्लाम से जुड़ी नहीं हैं, और यदि कोई व्यक्ति इसे धर्म के नाम पर सही ठहराता है, तो वह खुद इस्लाम को नहीं समझता।
काजी नदवी ने कहा कि इस्लाम में जिना (अनैतिक संबंध) हराम माना गया है और गैर महरम को देखना तक भी पाप के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने कृत्यों को धार्मिक जामा पहनाकर सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, वे न सिर्फ धर्म को बदनाम कर रहे हैं, बल्कि खुद को भी बर्बाद कर रहे हैं। शहर मुफ्ती अबुल कलाम कासमी ने भी इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों को इस्लाम में कड़ा पाप माना गया है और जो इसे सही ठहराता है, उसे कानून के तहत सख्त सजा मिलनी चाहिए। धर्मगुरुओं ने मीडिया से भी अपील की कि वे बिना पुष्टि के इस प्रकार की संवेदनशील खबरों का प्रसारण न करें, ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे। उनका कहना था कि ऐसी घटनाएं पूरे समुदाय को बदनाम करने का माध्यम नहीं बननी चाहिए, बल्कि अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में समाज को एकजुट होना चाहिए।