
माधव नेशनल पार्क
इसके अलावा, समिति ने राष्ट्रीय उद्यान में एक नर और एक मादा बाघ को छोड़ने की भी मंजूरी दी है, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि और प्रजनन में मदद मिल सकेगी। यह कदम वन्यजीव संरक्षण और क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-जीव) एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि इस निर्णय से न केवल बाघों के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय वन्यजीव प्रबंधन को भी मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर, एनटीसीए को माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का प्रस्ताव भेजा गया था। माधव और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्य-जीव प्रबंधन की प्रक्रिया को मजबूत करने से स्थानीय समुदायों को ईको-टूरिज्म के रूप में नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का समग्र विकास होगा। इस कदम से पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।