मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रातौर रोड रेलवे ट्रैक के पास बीती रात एक हैरान करने वाली घटना घटी। ट्रेन में सफर कर रही एक नवविवाहिता उल्टी करते समय नीचे गिर गई। पता चलते ही पति ने चेन खींचकर ट्रेन रोकी और करीब एक किमी पीछे गया, वहां पत्नी घायल हालत में पड़ी थी। पति ने पत्नी को गोद में उठाकर दौड़ लगाई और फिर जैसे-तैसे जिला अस्पताल पहुंचा। लेकिन, डॉक्टरों ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, ग्वालियर के रहने वाले एडवोकेट विकास जोशी की शादी 16 अप्रैल 2025 को शिवानी शर्मा से हुई थी। शिवानी उरई (जालौन) की रहने वाली थी, वह एलएलबी की छात्रा थी। पति के साथ वह परीक्षा देने के लिए उरई गई थी। परीक्षा के बाद मंगलवार को दोनों ग्वालियर लौटे और बुधवार शाम ट्रेन से इंदौर के लिए रवाना हुए थे।
पत्नी नीचे गिरी, चेन खींचकर कूदा पति
विकास ने बताया कि वह इंदौर में रहकर वकालत करता है। वह अपनी पत्नी शिवानी के साथ मंगलवार रात ट्रेन से इंदौर जा रहे थे। रात करीब 9 बजे शिवपुरी रेलवे स्टेशन से ट्रेन कुछ दूर निकल चुकी थी। इस दौरान शिवानी को उल्टी आने लगी तो वह कोच के गेट के पास खड़ी हो गई। उल्टी होने पर वह (विकास) पानी लेने अपनी सीट पर आ गया, वह वापस गेट पर पहुंचा तो शिवानी नहीं थी। पास खड़े एक यात्री ने बताया कि महिला का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गई। यह सुनते ही विकास ने ट्रेन की चेन खींची और नीचे कूद गया।
अंधेरे में ही अपनी पत्नी की तलाश की
एडवोकेट विकास ने पुलिस को बताया है कि ट्रेन करीब एक किलोमीटर आगे निकल गई थी। नीचे उतर वह पीछे की तरफ दौड़ा। अंधेरे में उसने पत्नी शिवानी को तलाश किया और गोट में उठाकर रातौर क्रॉसिंग के पास सड़क पर ले आया। वहां एक कार सवार ने मदद की और उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, जांच के बाद डॉक्टरों ने शिवानी को मृत घोषित कर दिया।
आधी दूरी तक गोद में पत्नी को उठाकर लाया पति
विकास ने बताया कि घटना की सूचना के बाद भी जीआरपी ने उसकी कोई मदद नहीं की। वह खुद ही अंधेरे में पत्नी को देखता रहा। उसके मिलने के बाद, उसने पत्नी को गोद में उठाकर आधी दूरी तय की। बाद में जीआरपी वाले आए और नियम-कानून की बात कर पूरे मामले में कागजों पर साइन करने के लिए कहा, जबकि उस समय पत्नी को इलाज की जरूरत थी। इसके बाद बड़ी मुश्किल से एक कार वाला मिला, जिसमें हमें अस्पताल पहुंचा।