MP NEWS : मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षक पद हेतु पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री अमान्य, हाई कोर्ट का फैसला 

हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश की इंदौर बेंच ने मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा सेवा (शिक्षण संवर्ग) भर्ती नियम 2018 के उस नियम को उचित माना है, जिसमें किसी विषय विशेष के शिक्षक के पद हेतु ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य है और पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री अमान्य है। उसे उम्मीदवार की याचिका को खारिज कर दिया कि आज ने अंग्रेजी में MA किया लेकिन BA में अंग्रेजी विषय नहीं था।

लक्ष्मी कांत शर्मा बनाम मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा

दरअसल, याचिकाकर्ता लक्ष्मी कांत शर्मा ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विज्ञापित अंग्रेजी विषय में माध्यमिक शिक्षक (वर्ग-2 शिक्षक) के पद के लिए आवेदन किया था। उनकी योग्यता में राजनीति विज्ञान, हिंदी साहित्य और संस्कृत में स्नातक की डिग्री और अंग्रेजी में एमए शामिल थे। जब उनके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि वह आवश्यक शैक्षणिक मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो शर्मा ने इस फैसले को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की। उन्होंने इस पद के लिए पात्र घोषित करने की मांग की और प्रतिवादी अधिकारियों द्वारा पारित अस्वीकृति आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया।

UG में एक विषय अंग्रेजी होता तो भी काम चल जाता है

याचिकाकर्ता के वकील रक्षित गुप्ता ने तर्क दिया कि उनकी स्नातक की डिग्री में अंग्रेजी विषय की कमी होने के बावजूद, अंग्रेजी में उनकी मास्टर डिग्री ने उन्हें शिक्षण पद के लिए योग्य बना दिया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि आवश्यक योग्यता के बिना अन्य उम्मीदवार को समान पदों पर नियुक्त किया गया था। आगे जोर देकर कहा कि, उन पर विचार करने से इंकार करना अन्यायपूर्ण था। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि भर्ती नियमों में विशेष रूप से माध्यमिक शिक्षक के पद के लिए अंग्रेजी में स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है। हालांकि याचिकाकर्ता के पास मास्टर डिग्री थी लेकिन उसकी स्नातक की डिग्री में अंग्रेजी को एक विषय के रूप में शामिल नहीं किया गया था, जिसने उसे भूमिका से अयोग्य घोषित कर दिया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!