पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हो, प्रदेश की अन्य सीटों पर भी उनकी डिमांड बढ़ गई है। भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बाद उनकी सभा कराने की मांग कर रहे हैं। महिलाओं में भाई और मामा की छवि को भूनाने के लिए भाजपा ने भी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी उन्हें दी है।
भाजपा ने मध्य प्रदेश के लिए शिवराज को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। विदिशा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने के बाद लगा था कि शिवराज वहीं बंधकर रह जाएंगे, लेकिन वे विदिशा से पहले भी पांच बार सांसद रहे हैं, उन्हें मैदानी गतिविधियों में जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। एक दौर का प्रचार वे अपने क्षेत्र में कर चुके हैं। अब दूसरे सीटों पर उनकी डिमांड बढ़ रही है। पार्टी की प्रादेशिक गतिविधियों में भी उनकी सक्रियता दिखी है। खासकर मध्य भारत की सीटों पर उनका प्रभाव है, जिसका फायदा पार्टी उठाना चाहती है। विदिशा में तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है। पार्टी को लग रहा है कि जो वक्त मिला है, उसका लाभ शिवराज की अन्य सीटों पर सभाओं के जरिये उठाया जा सकता है।
प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता
मध्य प्रदेश की राजनीति मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान अब भी मध्य प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। महिलाओं में उनकी अपील अब भी कायम है। इसी वजह से प्रत्याशी शिवराज की डिमांड कर रहे हैं। उनकी सभाएं, रैली अलग-अलग सीटों पर आयोजित भी हो रही है।
विधानसभा चुनावों में था प्रचार का दारोमदार
नवंबर-दिसंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में शिवराज सिंह चौहान पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक साबित हुए थे। उन्होंने तकरीबन प्रत्येक जिले में सभाएं की थी। चुनावी दौर में ही उन्होंने 165 सभाओं को संबोधित किया था। इसका फायदा भी पार्टी को मिला और 230 सीटों वाली विधानसभा में पार्टी ने 163 सीटों पर जीत हासिल की थी। शिवराज के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में 80 सभाओं को संबोधित किया था। इसके बाद अन्य नेताओं का नंबर आता है।
केंद्र में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
यदि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनकर आती है तो शिवराज सिंह चौहान को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कोई बड़ा मंत्रालय उन्हें मिल सकता है। इन संभावनाओं के बीच पार्टी की राज्य इकाई भी शिवराज को महत्व दे रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन का मामला हो या भोपाल में आलोक शर्मा के नामांकन का, हर जगह शिवराज की मौजूदगी ने उनकी लोकप्रियता को एक बार फिर साबित किया है। राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पार्टी शिवराज की लोकप्रियता का लाभ लेना चाहती है।
शिवराज का फिनिक्स वाला बयान भी चर्चा में
विधानसभा चुनाव 2023 के पहले शिवराज ने फिनिक्स पक्षी की तरह राख से फिर पैदा हो जाऊंगा। दरअसल विधानसभा चुनाव के पहले एक सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुआ था, जिसमें शिवराज सिंह चौहान का फोटो लगा कर लिखा था मामा का श्राद्ध। श्राद्ध में भाजपा ने शिवराज मामा को दिया टिकट। इस पर शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि फिनिक्स पक्षी की तरह राख से फिर पैदा हो जाएंगे। इसके पहले 2018 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ता से कहा था कि ‘अभी टाइगर जिंदा’ है। इस तरह अलग-अलग बयान से शिवराज अपने आपको जीवित करते आए।
पूर्व सीएम की संभाएं
16 अप्रैल- शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नामांकन के बाद सभा को संबोधित किया।
18 अप्रैल- भोपाल में आलोक शर्मा का नामांकन के बाद सभा को संबोधित किया।
20 अप्रैल- रीवा में मऊगंज में जनसभा को संबोधित किया।
20 अप्रैल- सतना लोकसभा के रामपुर बघेलान, अमरपाटन, मैहर व उचेहरा और नागौद में जनसभाओं को संबोधित किया
22 अप्रैल- नर्मदापुरम और राजगढ़ संसदीय सीट पर रैली और जनसभा को संबोधित किया।
इन संसदीय सीटों पर भी कर चुके प्रचार- बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, सीधी, देवास।