प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार के भोपाल स्थित घर पर छापा मारा गया। यह छापेमारी विश्वविद्यालय में सरकारी राशि की हेराफेरी के आरोपों की जांच के तहत की गई है। छापे के दौरान ईडी की टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य बरामद किए, जो इस घोटाले से संबंधित हो सकते हैं। अब तक मामले की जांच राज्य पुलिस कर रही थी, इसमें अब ईडी की एंटी से नया मोड़ आ गया है।
19.48 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला
ईडी की यह कार्रवाई सुबह 5 से 6 बजे के बीच शुरू हुई, जब चार अफसरों की टीम राजपूत के लेकपर्ल गार्डन स्थित घर पहुंची। ईडी के अफसरों ने घर में प्रवेश करते ही निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और उनकी पत्नी के मोबाइल फोन जमा कर लिए और घर की तलाशी शुरू कर दी। इस दौरान, ईडी ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए, जो इस घोटाले की जांच में सहायक हो सकते हैं। वहीं, ईडी की टीम पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार के चूनाभट्टी स्थित घर पर भी पहुंची।
एबीवीपी के दबाव में कार्रवाई
राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में 19.48 करोड़ रुपये के सरकारी धन की हेराफेरी के आरोप में पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा और बैंक मैनेजर मयंक सहित पांच लोगों के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस मामले को उठाते हुए सरकार पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाया था। इस दबाव के बाद सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की और आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो गई है, जिससे इस मामले की जांच को और मजबूती मिली।
हो सकते हैं और खुलासे
छापेमारी के दौरान निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत अपने घर के बाहर जमा भीड़ से नाराज नजर आए। इस मामले में ईडी की एंट्री से जांच में नया मोड़ आ गया है, जिससे भविष्य में और भी खुलासे हो सकते हैं।