पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा कि यह तथ्य सार्वजनिक है कि तत्कालीन कलेक्टर ने इस फैक्टरी का लाइसेंस रद्द कर दिया था, लेकिन पूर्व कमिश्नर नर्मदापुरम ने कलेक्टर के आदेश पर एक माह के लिए स्थगन दे दिया और स्थगन की अवधि समाप्त होने के बाद भी फैक्टरी को काम करने की अनुमति दी गई, इसलिए इस दुखद घटना के लिए तत्कालीन कमिश्नर नर्मदापुरम और कलेक्टर हरदा को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए और इन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।
ये सुझाव भी दिए
– तमिलनाडु का शिवाकासी भारत में 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन करता है। मध्य प्रदेश सरकार को एक टीम शिवाकासी भेजनी चाहिए जो वहां पर विस्फोटकों का उपयोग करके पटाखों के निर्माण किए जाने और सुरक्षा संबंधी पहलुओं का अध्ययन करे और राज्य के लिए एक दोषमुक्त नीति तैयार करे।
– मध्यप्रदेश सरकार को पटाखों के निर्माण हेतु लाइसेंसिंग नीति में निर्धारित मानदंडों के अनुसार, विशेष रूप से अग्नि सुरक्षा के संबंध में आवश्यक निरीक्षणों को सख्ती से लागू करना चाहिए।
– पटाखे निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों के एक किमी के दायरे में कोई बस्ती नहीं होनी चाहिए।
– मौजूदा फैक्ट्रियों को बस्ती से कम से कम एक किमी दूर तत्काल स्थानांतरित किया जाना चाहिए।