मध्य प्रदेश में पहला मेट्रोपॉलिटन एरिया इंदौर, उज्जैन, देवास और धार को मिलाकर और दूसरा भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा एवं ब्यावरा (राजगढ़) को मिलाकर प्रस्तावित है। आगामी विधान सभा सत्र से पूर्व इससे संबंधित वैधानिक तैयारियां पूरी करने की तैयारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समत्व भवन में मेट्रोपॉलिटन एरिया को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि भोपाल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के गठन से जुड़ी सभी आवश्यक प्रक्रियाएं तय समय-सीमा में पूरी की जाएं, ताकि इन क्षेत्रों में नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और राज्य को सुदृढ़ आर्थिक आधार मिल सकें। उन्होंने कहा कि मेट्रोपॉलिटन विकास योजना में यातायात, भूमि उपयोग, औद्योगिक और व्यावसायिक विस्तार जैसे पहलुओं को संतुलित रूप से समाहित किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित एजेंसियों को समन्वित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि दोनों क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को अभी से आकर्षित किया जाए और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़क एवं रेल परिवहन को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन जनप्रतिनिधियों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर और भोपाल के बीच देवास और सीहोर जिलों के समावेश से एकीकृत क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी। यह प्रदेश में समन्वित और संतुलित शहरीकरण का एक आदर्श मॉडल होगा।
ग्रीन बेल्ट पर विशेष ध्यान दें : विजयवर्गीय
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इन क्षेत्रों के विकास में अपनी विरासत को संरक्षित रखने और पर्यावरण की दृष्टि से ग्रीन बेल्ट पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि इंदौर-भोपाल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनने से इकॉनामिक कॉरिडोर के विजन को पूरा किया जा सकेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में हमें सेमी-अर्बन क्षेत्र से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं पर प्रारंभिक रूप से प्लानिंग करनी होगी।