अब ग्रीन सेल का संबंधित निकायों के साथ अनुबंध होगा। प्रदेश के 6 शहरों में 9 मीटर लंबी ई-बसों का संचालन होगा। इसके लिए संबंधित निकायों में बसों के लिए डिपो का निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा। इसके बाद, ई-बसें मध्य प्रदेश में आनी शुरू हो जाएंगी। बता दें कि इन बसों का संचालन जीसीसी मॉडल पर होगा। इसमें संबंधित फर्म बस खरीदेगी और उसके ड्राइवर, कंडक्टर, मेंटेनेंस की व्यवस्था भी खुद करेगी। इसके संचालन का प्रति किमी की दर से भुगतान किया जाएगा। इसमें भारत सरकार की तरफ प्रति बस संचालन के लिए प्रति किमी 22 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि बाकी का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
प्रदेश को 552 ई-बसें मिलेंगी
मध्य प्रदेश को कुल 552 ई-बसें मिलेंगी, जो इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और सागर शहरों में चलाई जाएंगी। इनमें इंदौर को 150 बसें, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन को 100-100, ग्वालियर को 70 और सागर को 32 बसें दी जाएंगी। बता दें कि नेशनल इलेक्ट्रिक बस प्रोग्राम के तहत, केंद्र सरकार ने मई 2022 में 50,000 इलेक्ट्रिक बसों की योजना बनाई थी। पिछले साल, हरियाणा, कर्नाटका और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने इन बसों की आपूर्ति के लिए केंद्र द्वारा टेंडर जारी किए थे, लेकिन इन राज्यों को अब तक बसों की आपूर्ति नहीं हो पाई है।