
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मध्य प्रदेश में पुलिस बैंड की परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘जनकल्याण पर्व’ और ‘विजय दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में बैंड की शानदार प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह केवल संगीत का आयोजन नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय गौरव, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस बैंड की परंपरा न केवल संगीत, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और हमारे गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम और वैदिक काल के शंखनाद के समय से संगीत ने भारतीय संस्कृति और संघर्षों को दिशा दी है। प्रदेश में पुलिस बैंड की इकाइयां धीरे-धीरे समाप्त हो रही थीं, जिसे पुनः जागृत करने के लिए निर्णय लिया गया कि हर जिले में पुलिस बैंड स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस बैंड का उद्देश्य राष्ट्रीय पर्वों और आयोजनों में देशभक्ति की भावना को जागरूक करना है और यह सशस्त्र बलों की गरिमा को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही उन्होंने सभी पुलिस बैंड के जवानों को 10-10 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। इस अवसर पर पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणचारी मिश्रा ने पुलिस विभाग के द्वारा किए गए नवाचारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं, जिनमें संगठित अपराधों में कमी, महिला संबंधी अपराधों में सुधार और संस्थागत बदलाव शामिल हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस बैंड का पुनर्गठन किया गया है और इसके प्रशिक्षण को सर्वोत्तम केंद्रों जैसे बैंगलुरु भेजा गया। इस प्रयास का परिणाम यह हुआ कि प्रशिक्षुओं ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किए। इस कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय, एडीजी राकेश गुप्ता सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर एडीजी राकेश गुप्ता से स्मृति चिह्न के रूप में सैक्सोफोन वाद्य यंत्र प्राप्त किया। पुलिस बैंड के पुनर्गठन के साथ, देशभक्ति और अनुशासन की भावना को पुनः जागृत किया गया है, जिससे मध्यप्रदेश पुलिस की सेवा और न्याय के प्रति समर्पण को और भी सुदृढ़ किया गया है।