MP High Court: कोर्ट ने ‘इमरजेंसी’ पर सेंसर बोर्ड से मांगा जवाब, कंगना के प्रोडक्शन सहित पक्षकारों को नोटिस

MP High Court seeks response from Censor Board on Emergency notice to parties And Kangana Ranaut production

कंगना रनौत
– फोटो : इंस्टाग्राम

अभिनेत्री कंगना रनौत की आने वाली फिल्म इमरजेंसी के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था, फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को अत्यंत नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है, जिससे देश में सांप्रदायिक द्वेष उत्पन्न हो सकता है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विशाल सराफ की युगलपीठ ने आवेदकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस भेजने के निर्देश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई मंगलवार तीन सितंबर को निर्धारित की गई है।

बता दें कि जबलपुर सिख संगत तथा श्री गुरु सिंह सभा इंदौर की तरफ से कंगना रनौत की आगामी फिल्म इमरजेंसी के प्रसारण में रोक लगाए जाने की राहत चाही गई है। याचिका में कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को अत्यंत नकारात्मक रूप में प्रदर्शित किया गया है। फिल्म के ट्रेलर में वोट के बदले खालिस्तान की मांग करना तथा सिख समुदाय के लोगों को बस से उतारकर उनकी गोली मारकर हत्या करना बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि फिल्म के प्रदर्शन से देश में सांप्रदायिक द्वेष उत्पन्न होगा। इसके अलावा सिख समाज की छवि धूमिल होगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस रूपराह ने सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया कि देश के लिए सिख समाज ने बलिदान दिया है। देश की सेवा के लिए सिख समाज सदैव आगे रहा है। फिल्म में सिख समाज को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे सिख समाज में आक्रोश व्याप्त है। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोविड काल के दौरान दिल्ली में गुरुद्वारे से ऑक्सीजन सिलेंडर व भोजन का वितरण किया गया।

याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने केंद्र सरकार के सूचना और प्रसारण तथा गृह विभाग सहित मणिकर्णिका फिल्म प्राइवेट लिमिटेड, अभिनेत्री कंगना रनौत, उमेश बंसल, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम तथा फेसबुक सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किए हैं। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है, अनावेदकों को इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से नोटिस भेजे जाएं।

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