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माखननगर (नर्मदापुरम)। माखननगर थाना क्षेत्र में घटित एक संवेदनशील प्रकरण में पुलिस ने तत्परता और कुशलता का परिचय देते हुए नाबालिग बालिका (rescued-minor) को इंदौर से सकुशल बरामद कर लिया। इस कार्रवाई में पुलिस ने आरोपी युवक को भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। महज छह दिनों में पूरे मामले को सुलझाकर माखननगर पुलिस ने यह साबित किया है कि यदि संकल्प और संवेदनशीलता हो, तो कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
घटना की शुरुआत: पिता की गुहार से शुरू हुई जांच
17 अक्टूबर को माखननगर थाना पहुंचे एक पीड़ित पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग (minor) बेटी घर से लापता है। पिता ने बताया कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर घर से भगा ले गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत धारा 137(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की।
प्रारंभिक जांच में ही यह स्पष्ट हो गया कि यह मामला महज गुमशुदगी का नहीं, बल्कि अपहरण से जुड़ा अपराध है। थाना प्रभारी ने तुरंत एक विशेष पुलिस टीम गठित की और लड़की (minor) की खोज में कई दिशाओं में काम शुरू किया।
जांच की दिशा: मोबाइल लोकेशन से मिली अहम सुराग
माखननगर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से नाबालिग (minor) के मोबाइल फोन की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड खंगाले। जांच में सामने आया कि लड़की का संपर्क गोविंद उर्फ छोटेलाल यादव नामक युवक से था, जो निवासी पाटनी बताया गया। जब पुलिस ने उसकी गतिविधियों का पीछा किया, तो पता चला कि वह लड़की को लेकर इंदौर चला गया है।
सूचना पुख्ता होते ही पुलिस टीम ने तत्काल इंदौर के लिए रवाना होकर, जहां से 23 अक्टूबर को नाबालिग (minor) को सुरक्षित दस्तयाब कर लिया गया।
आरोपी गिरफ्तार, भेजा गया जेल
इंदौर से लड़की के साथ पकड़े गए आरोपी की पहचान गोविंद उर्फ छोटेलाल यादव पिता रघुराज यादव, उम्र 25 वर्ष, निवासी पाटनी (नर्मदापुरम) के रूप में हुई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
थाना प्रभारी मदनलाल पवार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है और नाबालिग (minor) के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए जा चुके हैं। साथ ही पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद केस में उपयुक्त धाराएं जोड़ी जाएंगी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई पर क्षेत्र में प्रशंसा
इस पूरे मामले में माखननगर पुलिस की तत्परता और सक्रियता की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है। स्थानीय नागरिकों ने पुलिस टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में हर घंटे कीमती होता है, और पुलिस ने जो फुर्ती दिखाई, वह नाबालिग की सुरक्षा सुनिश्चित करने में निर्णायक साबित हुई।
सोशल मीडिया और साइबर निगरानी की जरूरत
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी और नाबालिग के बीच पहले से बातचीत होती थी, जो संभवतः सोशल मीडिया या मोबाइल चैटिंग एप्स के माध्यम से हुई थी। यह पहलू इस मामले को और गंभीर बनाता है क्योंकि आजकल सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर नाबालिगों (minors) को फंसाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
थाना प्रभारी मदनलाल पवार ने इस अवसर पर अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के मोबाइल और सोशल मीडिया उपयोग पर नजर रखें। उन्होंने कहा — “ऐसे मामलों में अभिभावकों की जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।”
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया: ‘पुलिस ने भरोसा कायम किया’
माखननगर क्षेत्र के लोगों ने इस कार्रवाई को पुलिस के प्रति बढ़ते विश्वास का उदाहरण बताया। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार ग्रामीण इलाकों में ऐसे मामलों को नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता है। लेकिन इस मामले में थाना माखननगर ने यह दिखा दिया कि कानून हर पीड़ित के साथ खड़ा है।
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