दीपक शर्मा/ माखननगर : नगर में इन दिनों एक कंपनी की बाइक खरीदने और उसके साइलेंडर को बदलकर चलाने का दौर चल रहा है। तेज गति व साइलेंसर की तेज आवाज से लोग परेशान हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गलियों में भी सरपट दौड़ाते हैं वाहन
नगर की गलियों में तेज आवाज करते हुए निकलते हैं। एवं नगर के विभिन्न वार्डों के रहवासियों ने दिनभर तेज आवाज से काफी परेशानी होती है। साथ ही तेज रफ्तार के कारण हादसे भी होते रहते हैं। दिनभर पुलिस थाने के सामने से ही बेख़ौफ़ होकर बाइक सवार होकर निकल जाते हैं।
क्या है मोटरयान नियम
आजकल लोग बाइक में लगाए गए साइलेंसर को निकलवाकर उसमें मोडिफाई साइलेंसर लगाते हैं। मोटरयान नियमावली के नियम-120 के मानकों के अनुरूप ऐसा करना न केवल मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-52 (वाहन में अनाधिकृत परिवर्तन) का उल्लंघन है। ऐसा करना धारा 190 (2) (निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण) का भी उल्लंघन है। जहां धारा-52 के उल्लंघन में 5000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं धारा-190(2) के उल्लंघन में 10 हजार रुपए का जुर्माना मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत प्रावधानित किया गया है। इस प्रकार मोटरसाइकिल के साइलेंसर को निकलवाकर या उसको मोडिफाई करने पर उल्लंघन करने वाले पर 15 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
नाबालिगों को नहीं पुलिस का खौफ
खासकर कुछ प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिग स्कूल की छुट्टी के बाद व शासकीय कन्या स्कूल की छात्राओं की छुट्टी के समय ये बाइक सवार ज्यादा देखने को मिलते हैं। कई बार पुलिस प्रशासन के सामने भी ये वाहन सवार निकलते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
मामले में जांच की जाएगी
थाना प्रभारी राजपाल सिंह जादौन ने देनवा पोस्ट को बताया कि मामला संज्ञान में आया है। ऐसे वाहनों की जांच की जाएगी। साथ ही वाहन साइलेंसर मोडिफाइल करने वाले चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। नाबालिग बच्चों के माता-पिता को भी हिदायत भी दी जाएगी।