दीपकशर्मा / माखन नगर : जिले की ग्राम पंचायत में नित नए फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। अब माखन नगर जनपद पंचायत के ग्राम नया चूरना में एक नया मामला सामने आया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत की महिला सरपंच ने अपने परिवार के लोगों को पंचायत में काम देकर लाखों का भुगतान कर दिया है। दो साल से महिला सरपंच अपने पति के साथ मिलकर पारिवारिक लोगों को भुगतान कराती रही है। लेकिन इस बात की भनक जनपद स्तर के अधिकारियों को तक नहीं लगी।
आरटीआई में खुलासा हुआ कि ग्राम पंचायत नयाचूरना की महिला सरपंच ममता यादव ने अपने पति मुकेश यादव के साथ मिलकर अपने परिवार के सदस्योंं के नाम पर लाखों के बिल लगाकर भुगतान कराया है। सरपंच पति मुकेश यादव पर यह कहावत ठीक बैठती है कि “सैयां भये कोतवाल, अब डर काहे का” क्योकि पंचायत की व्यवस्था इन्ही के हाथों में है। ग्राम पंचायत में मिठाई, भोजन, साफ सफाई, मटेरियल आदि सामान भांजे, देवर और ससुर से खरीदना दर्शा दिया है। दो साल में दो लाख से ज्यादा के बिल का भुगतान इन लोगो को किया गया है। मामला उजागर होने के बाद अधिकारी जांच कराकर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। जिले में ऐसी पंचायत, जो सरपंच अथवा सचिव के परिजन के खातों में भुगतान हो रहा हैं। कहीं न कहीं मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में बिल का भुगतान इसी तरह हो रहा है।
नयाचूरना पंचायत के 2 लाख 24 हजार 500 का भुगतान हुआ
सूत्रों की माने तो जिन तीन लोगों को पंचायत मेंं काम दिया गया वह महिला सरपंच के रिश्तेदार हैं। शोनू यादव (भांजे)के खाते मेंं दो साल में एक लाख 12 हजार रु. की बड़ी राशि का भुगतान हुआ, जबकि बड़े ससुर मोहन यादव के खाते में 58 हजार रु. के चार बिल लगाकर भुगतान हुआ है। वही राजेश यादव ( देवर) के खाते में 54 हजार 500 रु का भुगतान हुआ है। इस तरह कुल 2 लाख 24 हजार 500 रुपए के बिलों का भुगतान हुआ है।जो पंचायत राज अधिनियम 1993 के मुताबिक गलत है।
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एक व्यक्ति एक समय में दो जगह कैसे
एक व्यक्ति एक समय में दो जगह कैसे हो सकता है। इस तरह का काम तो सिर्फ नया चूरना पंचायत में संभव है। जहां सोनू यादव कंप्यूटर ऑपरेटर ने फरवरी 2023 से मई 2023 तक पंचायत में ऑपरेटर का कार्य किया जिसका बकायदा भुगतान भी किया गया। वहीं सोनू यादव ने एक सीसी रोड के निर्माण में मनरेगा मस्टर पर 22 मई से 31 मई तक काम किया। ऐसे ही सोनू ने जून 2023 से अक्टूबर 2023 तक कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य पंचायत में किया। जिसका ₹9000 महीने के मान से 4 माह का 36000 रुपए भुगतान किया गया। वही सोनू यादव 3 जून से 14 जुलाई तक करीब एक महीने मनरेगा मस्टर पर भी काम करना दिखाया गया जिसका भुगतान उन्हें 9724 किया गया। कंप्यूटर ऑपरेटर पंचायत के काम में कितना मसरूफ हो गया की वह कब ऑपरेटर से मनरेगा मजदूर बन गया उसे पता ही नहीं चला और ऑपरेटर का काम करते हुए अपने मस्टर भी मनरेगा पर चला दिए।
ज्ञात हो कि पंचायत राज अधिनियम 1993 के मुताबिक ग्राम पंचायत के सरंपच, पंच और सचिव तथा उनके स्वजन संबंधित पंचायत में निर्माण या किसी भी कार्य का स्वयं या स्वजन का बिल नहीं लगा सकते, लेकिन इसे नजरअंदाज कर ग्राम पंचायत नया चूरना के सरपंच ममता यादव द्वारा अपने ही पंचायत नया चूरना में अपनो के नाम से लाखों रुपये का बिल लगा दिए गए।
उल्लेखनीय है कि माखननगर जनपद की ग्राम पंचायत नयाचूरना में ममता यादव सरपंच है। उसी पंचायत में ही रिश्तेदारोंं को वेंडर बनाकर करीब दो लाख रुपये के बिल लगाकर राशि का आहरण किया है। जबकि पंचायत राज अधिनियम 1993 के धारा 40 ग में स्पष्ट लिखा हुआ है कि सरपंच अपने परिवार के सदस्यों को पंचायत में लाभ नहीं दिला सकता।
लेकिन नयाचूरना सरपंच ने नियम विरुद्घ अपने पंचायत में अपने रिश्तेदारोंं को लाभ दिला दिया। जब इस संबंध में देनवापोस्ट ने ग्राम पंचायत नयाचूरना के सरपंच से मोबाईल पर बिल के संबंध में बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नही हो सका।
गड़बड़ी पाई गई तो निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे
जनपद सीईओंं संदीप डाबर ने बताया कि ग्राम पंचायत नयाचूरना की सरपंच द्वारा यदि रिश्तेदारोंं को पंंचायत में काम देकर भुगतान कराया गया तो इसकी हम जांच कराएंगे। मामला गड़बड़ पाया जाता है, तो निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे।