माखन नगर/ दीपक शर्मा : सुआखेड़ी से पवारखेड़ा खुर्द तक बन रही सड़क निर्माण में ठेकेदार कृषि भूमि की मिट्टी खनन कर डाल रहे हैं। खनन माफिया नियमों की अनदेखी कर खुलेआम अवैध खनन कर रहे हैं। लेकिन पीडब्ल्यूडी को इससे कोई ऐतराज नहीं हैं ।
कृषिभूमि में खनन के नियम
किसान खेत को समतल करने, बंजर पड़े खेत को उपजाऊ बनाने के लिए मिट्टी निकाल सकता है। लेकिन मिट्टी का व्यावसायिक उपयोग नहीं कर सकता। खनन माफिया नियमों की अनदेखी कर पवारखेड़ा खुर्द एवं सुआखेड़ी गांवों से सड़क के किनारे के खेतों से खनन कर मिट्टी का उपयोग सड़क में कर रहे हैं।
खेतों से सड़क पर पहुंचने के लिए रास्ते नहीं होने पर अपनी मर्जी से गोचर जमीनों में रास्ता बनाकर सड़क तक पहुंच रहे हैं। गोचर जमीन से वाहनों के गुजरने से जमीन खराब हो रही है। ग्रामीणों ने बताया वाहनों के गुजरने से अधिकांश जमीन बंजर होने से पशुओं के चरने के लिए उपयुक्त जमीन नहीं रहेगी।
राज्य सरकार को राजस्व की हानि
सड़क बनाने वाली कंपनी को सड़क बनाने के लिए उपयोग में ली जा रही मिट्टी, कांक्रीट, बजरी सहित अन्य सामग्री के लिए खनिज विभाग नियमानुसार राशि जमा करवा कर ही अनुमति देता है। अनुमति अनुसार खनन किया जाता है। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के ब्यान से तो यह कहता है कि अवैध खनन से उनका निर्माण कार्य होता है भी तो उनका इससे कोई लेना देना नहीं है। एक शासकीय संस्था अगर इस तरह कहेंगी तो फिर अवैध खनन पर खूब लगी लगाम।
पीडब्ल्यूडी का कोई लेना देना नहीं
देनवा पोस्ट को पीडब्ल्यूडी सब इंजीनियर आर बी चौहान ने बताया कि ठेकेदार मिट्टी या रेत कही से लाए पीडब्ल्यूडी का कोई लेना देना नहीं है।
बिना अनुमति नहीं
शंकर सिंह रघुवंशी नायब तहसीलदार ने देनवा पोस्ट को बताया कि कृषि भूमि में मिट्टी खुदाई को लेकर अनुमति नहीं है। किसान खेत का समतलीकरण कर सकता है। व्यावसायिक कार्य नहीं कर सकते। अगर किसान ने मिट्टी का व्यवसायीकरण किया है तो किसान को नोटिस जारी किया जाएगा। पटवारी ने पंचनामा बनाकर दिया है।