माखननगर (नर्मदापुरम)। सरकार द्वारा मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी के तमाम दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। कभी बारदाने की कमी, कभी तौल में देरी, तो कभी केंद्रों की जेबें गर्म करने की अनसुनी शिकायतें — हर तरफ से किसानों की आवाज़ें आ रही हैं। लेकिन माखननगर क्षेत्र के गनेरा सेवा सहकारी समिति के खरीदी केंद्र ने तो इस अव्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।
मीनेश वेयरहाउस बना ‘असुविधा का केंद्र’
गनेरा समिति की मूंग खरीदी सिरवाड़ रोड स्थित मीनेश वेयरहाउस में की जा रही है, लेकिन इस वेयरहाउस में न तो ट्रैक्टर ट्रॉलियों के प्रवेश के लिए समुचित रास्ता है, न ही भीतर कोई समुचित सुविधा। एक बार ट्रॉली अंदर चली जाए तो बाहर निकालना मुश्किल, और अगर बारिश हो जाए तो कीचड़ और जाम का महाकाव्य तैयार हो जाता है।
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650 किसानों में से सिर्फ 181 का नम्बर आया
इस समिति में कुल 650 पंजीकृत किसान हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 181 किसानों से लगभग 4000 क्विंटल मूंग की ही खरीदी हो सकी है। बाकी किसान बारिश, कीचड़, और व्यवस्था के ठहराव से त्रस्त होकर इंतज़ार कर रहे हैं।
आम जनता भी परेशान, रोजाना लग रहा है जाम
खरीदी केंद्र पर ट्रैक्टरों की भीड़ और सड़क की बदहाली के कारण आम जनता भी परेशान है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, सिरवाड़ रोड पर जाम अब रोजमर्रा का हिस्सा बन गया है। वहीं, बारिश के चलते कीचड़ हो गया है जिससे आए दिन बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी और किसान की बेचैनी
अब सवाल उठता है कि इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार कौन है? किसानों का कहना है कि “सरकारी पोर्टल पर पंजीयन करवाकर भी अगर खरीदी केंद्र की हालत ऐसी है तो यह सिर्फ उपेक्षा नहीं, व्यवस्था का मखौल है।”
क्या चाहते हैं किसान?
खरीदी केंद्र में समुचित रास्ता और परिवहन की व्यवस्था
बारिश को देखते हुए मूंग को सुरक्षित रखने की पुख्ता तैयारी
खरीदी की रफ्तार बढ़ाई जाए ताकि किसान समय पर लौट सकें
सड़क पर कीचड़ और ट्रैफिक की समस्या का तुरंत समाधान
सरकार किसानों को समर्थन मूल्य देकर राहत देना चाहती है, पर अगर मूंग बेचने के लिए किसान को ट्रैक्टर में ही दिन-रात काटने पड़ें, और सड़क पर जनता को ‘जाम-जंजाल’ झेलना पड़े — तो इसे राहत नहीं, ‘रुकावट योजना’ ही कहा जाएगा।