दीपकशर्मा / माखननगर : जनपद पंचायत माखन नगर की 64 ग्राम पंचायतों ने बीते साल धरती को हरा भरा करने में लाखो रुपये खर्च कर दिए। ग्राम पंचायत ने खाली पड़ी जमीन हो या फिर तालाब का किनारा या स्कूल का परिसर सभी जगह पर योजना की राशी से पौधे इस बार भी रोपित किए गए। जो कुछ दिनों बाद हर बार की तरह नजर नहीं आयेंगे। सही मायने में धरती में हरियाली आए या न आए पर जेबों में हरियाली आना तय है।
ऐसा ही मामला जनपद पंचायत माखननगर की ग्राम पंचायत मढ़ावन में देखने को मिला , जहां पौधे रोपण के लिए पंचायत भारी भरकम बजट दिया गया। सितंबर 2022 एवं सितंबर 2023 में पौधरोपण सप्ताह मनाते हुए हजारों रुपए खर्च भी कर पौधे रोपित कर दिए गए। हरियाली के नाम पर सरकारी पैसे को ठिकाने लगाने के लिए पंचायत में नए नए प्रयोग किए गए। खरीदी पौधो कि हुई लेकिन बिल बिल्डिंग मटेरियल के लगाए गए। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि बिल्डिंग मटेरियल वाले कब से पौधे बेचने लगे हैं। इतना ही नहीं पौधों के सरंक्षण के लिए मजदूर भी कागजों पर ही नजर आये हैं।
वर्ष वार पौधे रोपण पर हुए लाखों खर्च
मनरेगा के तहत 2022 से 2023 तक एक वृहद पौधे रोपण का कार्यक्रम चालू किया गया था। जिसमें मढ़ावन पंचायत में 12 लाख 34 हजार रुपये के पौधरोपण होने थे। पंचायत ने एक लाख रुपए का भुगतान स्थानीय बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर को नवंबर 2022 किया था। बाद में पौधों की आपूर्ति किए जाने का दावा किया गया। लेकिन पौधे कब आये और कब रोपित किये गये इसका कुछ पता ही नहीं चला। लेकिन मजदूरों को करीब 50 हजार भुगतान किया गया। बात करे 2023 और 2024 में 4 लाख 80 हजार रुपए पंचायत का बजट निर्धारित था इसमें भी लगभग 75 हजार रुपए हरियाली पर खर्च किए गए। लेकिन उस समय रोपित किए गए पौधे कहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
खर्च का पता, पौधे का कुछ पता नहीं
ग्राम पंचायत मढ़ावन में पौधरोपण पंचायत की खाली पड़ी जमीन में प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है। इन वर्षो में पौधे की खरीद के साथ ही गांवों में पौधों को लगवाने के लिए गड्ढों की खुदाई तक का बजट तय किया जाता है। इस पर खर्च का तो मढ़ावन पंचायत में वर्ष वार लेखा जोखा है लेकिन इस खर्च में कितने गड्ढे कहा खुले और कितने पौधे लगे यह किसी को जानकारी नहीं है।
पौधों का पता नहीं देखरेख करने वाले पा गए मजदूरी
पौधरोपण को लेकर सबसे मजेदार बात यह है कि वर्ष 2023 – 24 में मढ़ावन में जो पौधे रोपण होने थे वह पौधे कभी खरीदे ही नही गए। फिर पौधों के देखरेख और सिचाई कराने के लिए मजदूरों को भुगतान कैसे कर किया गया। समझ से परे है,शायद यही कारण है कि यह सवाल आते ही सरपंच और कर्मचारी बगले झांकने लगते हैं।
उन्हीं स्थानों पर हो रहा हर वर्ष पौधरोपण
लगभग प्रत्येक वर्ष होने वाले पौधरोपण अभियान में स्थान का चयन ही सारी पोल खोलने के लिए काफी है। जानकारों की माने तो लगभग हर बार स्कूल, पंचायत भवन से लेकर दूसरे खाली स्थानों पर पौध रोपण हर बार किया जाता है। लेकिन जब उन स्थानों पर देखा जाए तो पौधे वहां पर नजर नहीं आते हैं। मजे की बात यह है कि इस हकीकत को देखने के बाद भी अधिकारी मौन रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हर बार रोपित होने वाले पौधे गए तो कहा गए जब उनकी देखरेख के नाम पर भी बराबर धन खर्च होता रहा।
पंचायत में पौधरोपण पर आठ लाख खर्च की तैयारी
बीते वर्षो के भांति इस वर्ष भी पौधरोपण का खेल शुरू होने वाला है पंचायत दो जगह शान्तिधाम एवं खेल मैदान में वृक्षारोपण करने की तैयारी में है। इन दोनो जगह के लिए पंचायत ने करीब आठ लाख की टीएस करा रखी है। सरपंच को एक बार फिर हरियाली के नाम पर खेल खेलने का मौका हाथ आ गया है।
ऐसी ईमानदारी कही नही देखी
जब देनवापोस्ट इस संबंध में मढ़ावन पंचायत की सरपंच लता गोस्वामी से तो उनसे संपर्क नही हुआ। लेकिन सरपंच पति राजेन्द्र गोस्वामी जैसी ईमानदारी कहीं देखने को नहीं मिली उन्होने बताया कि वृक्षारोपण किया ही नही गया तो पौधे दिखेंगे कैसे।
मालूम करना पड़ेगा
देनवा पोस्ट को जनपद सीईओ संदीप डाबर ने बताया कि पंचायत में पौधे लगे हैं या नहीं सब इंजीनियर से मालूम करना पड़ेगा। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।