दीपक शर्मा/ माखन नगर : शादियों के सीजन में शहर के मैरिज गार्डनों के संचालक मोटी रकम लेने के बाद भी वाहनों की पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था और नियमों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। मैरिज गार्डनों के बाहर मुख्य सडक़ पर चार पहिया वाहनों की पार्किंग अव्यवस्थित होने के साथ ट्रैफिक जाम एवं दुर्घटना की आशंका रहती है। दिन एवं रात के समय भी अधिक डेसीबल पर डीजे बजाए जा रहे हैं, नियमों की जांच करने वाले अफसरों का ध्यान नहीं ।
रविवार को मोहम्मदपुरा रोड पर निजी मैरिज गार्डन में विवाह होने से मुख्य सडक़ पर ही वाहन खड़े नजर आए। बायपास रोड के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगने से सामने से आने वाले वाहन भी दिखाई नहीं देने से हादसे का अंदेशा बना हुआ था। यही स्थिति लालबाग रोड, संजय नगर रोड, शनवारा रोड सहित अन्य प्रमुख सडक़ों पर जहां मैरिज गार्डन होते है वहां पर शादियों के सीजन में दिखाई देती है, लेकिन इस ओर प्रशासन न ही ट्रैफिक पुलिस का ध्यान होने से वाहन चालक परेशान होकर निकलते है।
प्रतिबंध के बाद भी अधिक डेसीबल पर बज रहे डीजे, निगम ने जारी किया नोटिससड़क पर मैरिज गार्डनों की पार्किंग, मोटी रकम लेने के बाद भी नियमों की अनदेखी25% हिस्सा पार्किंग के लिए अनिवार्य
ये है मैरिज गार्डनों के नियम
● मैरिज गार्डन संचालक को अनुमति लेना अनिवार्य है
● फायर बिग्रेड की एनओसी, दो से अधिक गेट रखना है
● डीजे के लिए रात 10 से सुबह 8 बजे तक प्रतिबंधित
● गार्डन में वॉटर हारर्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य
● आने-जाने के लिए अलग,अलग गेट
● बिजली, पानी और आपात बिजली की व्यवस्था जरूरी
● सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जवाबदारी भी गार्डन संचालक की होती है
● ध्वनि व वायु प्रदूषण नियम का पालन करना
● मैरिज गार्डन तक सडक़ की चौड़ाई 40 फीट तक होना
● 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित
● पार्किंग एवं सुरक्षा के लिए गार्ड रखना
● सीसीटीवी कैमरे लगाना।
शासन के नियमों के तहत मैरिज गार्डन के कुल क्षेत्रफल में 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए अनिवार्य है, लेकिन नियम पालन ही नहीं किया जाता है। कुछ को छोड़ कर अन्य मैरिज गार्डनों में तो दो पहिया वाहनों के लिए भी जगह नहीं है। मैरिज गार्डन संचालकों को बैरिकेड लगाकर वाहनों की पार्किंग करना है। 5 हजार वर्गमीटर क्षेत्र वाले मैरिज गार्डन में 8 सुरक्षा गार्ड, 2500 से 5000 वर्ग मीटर वाले गार्डनों में 6 गार्ड होना चाहिए, जिनका मुख्य काम पार्किंग व्यवस्था संभालना है। गार्डनों में पार्किंग के लिए कर्मचारी ही नजर नहीं आते है।
सुरक्षा में अनदेखी
मैरिज गार्डनों का पंजीयन करते समय सुरक्षा, पार्किंग एवं सुरक्षा उपकरण देखने के बाद ही पंजीयन होता है। हर साल जांच के प्रावधान होने के बाद भी नियमों को ताक में रखकर चल रहे मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई तक नहीं होती है।
10 से अधिक मैरिज गार्डन
शहरी क्षेत्र में लगभग 10 से अधिक बड़े मैरिज गार्डन हैं, जबकि 50 से अधिक मैरिज भवन, वाडिय़ां और धर्मशालाएं है। 5 से अधिक मैरिज गार्डन मुख्य सडक़ों पर हैं। देर रात तक गूंजने वाले शोर, पार्किंग के अभाव होने से जाम की स्थिति बनती है।
बड़ा सवाल ये उठता है कि जब मैरिज गार्डनों के पास पार्किंग व्यवस्था ही नहीं है तो उन्हें अनुमति कैसे दे दी गई।