माखन नगर: सरकार के लाख प्रयास के बावजूद बाल मजदूरी जिले में समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। हद तो यह है कि श्रम विभाग भी खुलेआम हो रही बाल मजदूरी पर चुप्पी साधे हुए है। शिक्षा के अधिकार जैसे कानून भी ऐसे बच्चों को बाल मजदूरी के जाल से बाहर नहीं निकाल पा रहा है। नगर में कुठारिया से सुमित्रा पब्लिक स्कूल तक लाखों की लागत से सड़क रिपेयरिंग का काम बिंदल डेवलपर का चल रहा जिसमे नाबालिक बच्चों से काम कराया जा रहा है। शर्मनाक बात यह है कि हल्का फुल्का नहीं, बल्कि भारी भरकम काम उनसे लिया जा रहा है।
ठेकेदार एवं संवेदक का मुंशी मिलकर कम मजदूरी देने के लालच में और अपनी जेब भरने के चक्कर में इन नाबालिग बच्चों से काम करवा रहे हैं। जब सड़क बना रहे बच्चो से उनकी उम्र जानना चाहा तो मौके पर खड़े ठेकेदार के मुंशी ने उन्हें मौके से भगा दिया। जब देनवापोस्ट ने सड़क पर काम कर रहे बच्चे करण की उम्र के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी की उम्र 11-12 साल है। जैसे ही वह आगे कुछ और बताने लगा तभी कार्यस्थल पर मौजूद मुंशी ने उसे भी चुप करा दिया। मुंशी जितेंद्र तवर ने बताया कि बच्चा अपने मन से कार्य करने आता है।
हम कराते नही बच्चों से काम
देनवापोस्ट को बिंदल डेवलपर से अजय गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां बच्चों से काम नहीं कराया जाता हैं। कभी कभी लेबर के साथ बच्चे आ जाते है। में दिखवाता हूं कि उसे किसने लाया।