
जिले में नहीं हो रहा है शासन के नियमों का पालन खुलेआम हर विभाग में धांधली , चाहे खाद्य विभाग हो या सहकारिता हो। नागरिक आपूर्ति निगम हो या वेयर हाउस हो । परिवहन विभाग हो या खनिज विभाग हो । लोक निर्माण विभाग या पीआईयू हो चाहे जिस विभाग में देखें सभी शासन के नियमों का खुले आम मखौल उड़ा रहे हैं। हां इतना जरूर है कि कागज पर सभी विभाग टॉप पर हैं।
अब आपको परिवहन विभाग के हाल बताते हैं, यदि आप अपनी निजी गाड़ी से कहीं जा रहे हैं तो हर जगह नियमों की दुहाई देकर आपका चालान कर दिया जाएगा, चाहे परिवहन विभाग के अधिकारी मिल जाएं या यातायात विभाग के, दोनों एक बराबर हैं। कहीं हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का चालान होगा तो कहीं ओवरलोड का या फिर और भी बहुत से मद है, जिन पर चालान होगा। हां यदि आप मालवाहक वाहन चला रहे हैं और उसमें मध्य प्रदेश शासन के लिए आरक्षित लिखवा लिया है। तो आपको नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट है।

अब आपको छोटा सा नमूना दिखाते हैं माखन नगर में दो वाहन मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना का खाद्यान्न धुलाई कार्य में लगे हैं। इन वाहनों की लोडिंग क्षमता मात्र साढ़े सात टन अर्थात 75 क्विंटल है। लेकिन इनमें 10 से 13 टन अर्थात 100 से 130 क्विंटल अनाज खुले आम कांटा पर्ची के साथ ढोया जाता है। ऐसा नहीं की किसी को जानकारी नहीं है, सभी को इसकी जानकारी है।
क्योंकि नागरिक आपूर्ति निगम कांटा पर्ची के आधार पर भाड़ा देता है और वेयरहाउस माल लोड करवाता इनका निजी ठेकेदारों से दुगना भर भी दिया जाता है उसी माल को उतनी ही दूरी तक पहुंचाने के लिए निजी ठेकेदार को ₹35 क्विंटल भाड़ा दिया जाता है तो इनको ₹65 क्विंटल भाड़ा दिया जाता है। उसके बाद भी यह ओवरलोड माल ढुलाई करते हैं जो ना तो परिवहन विभाग को और ना ही पुलिस विभाग की आंखों में दिखता है । हां यदि कोई निजी व्यक्ति या व्यवसायी अपना माल इतनी मात्रा में भरकर ले जाए तो उसके वाहन की जांच और जुर्माना हर चौराहे में की जाएगी।

अब सवाल यह उठता है कि जब दुगना भाड़ा देकर इन वाहनों से अनाज ढुलवाया जाता है तो ओवरलोड क्यों लोड करवाया जाता है। जबकि नागरिक आपूर्ति निगम में पंजीकृत ठेकेदार द्वारा इस अनाज को उतनी ही दूरी तक आधे दर पर ढोया जाता है तो जबरन अधिक पैसा देकर शासन की राशि का दुरुपयोग क्यों किया जाता है और जिले के अधिकारी कुंभकरणीय निद्रा में क्यों व्यस्त है । ऐसे में क्या जिले के कलेक्टर और एसपी, यातायात और परिवहन विभाग को इन पर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करेंगे या इसी तरह नियमों का खुलेआम मखौल उड़ाया जाता रहेगा?
नागरिक आपूर्ति निगम केंद्र प्रभारी तेज सिंह थापा ने देनवापोस्ट को बताया कि वाहन डीओ तो एक साथ कटवाते हैं लेकिन ओवरलोड माल नहीं ले जा रहे हैं। फिर भी में चैक करवाता हूं।
आरटीओ निशा चौहान ने देनवापोस्ट से कहां कि यह नागरिक आपूर्ति निगम का मामला है उनसे जानकारी लेने के बाद ही उचित कार्रवाई की जावेगी।