
माखननगर। स्वामी विवेकानंद कैरियर गाइडेंस कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार, 6 अक्टूबर को श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय माखननगर में एक विशेष साक्षात्कार सत्र का आयोजन किया गया। यह साक्षात्कार समाजसेवी संस्था और एनजीओ EFA द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें अंग्रेजी विषय की टीचिंग हेतु विद्यार्थियों का चयन किया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीता चौबे के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख अवसरों से जोड़ना और अंग्रेजी शिक्षण क्षेत्र में करियर संभावनाओं को बढ़ावा देना था।
ट्रेनिंग मैनेजर विपिन सोनी ने लिए साक्षात्कार
NGO EFA के ट्रेनिंग मैनेजर विपिन सोनी ने महाविद्यालय के पंजीकृत विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों के युवाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
इस साक्षात्कार में महाविद्यालय के नियमित विद्यार्थियों के साथ-साथ वे विद्यार्थी भी शामिल हुए, जिन्होंने पूर्व में EFA के कार्यक्रमों में पंजीकरण कराया था। साक्षात्कार का मुख्य केंद्र अंग्रेजी विषय पर शिक्षण दक्षता, उच्चारण, संवाद कौशल और शिक्षण दृष्टिकोण का मूल्यांकन करना था।
लखनऊ में होगा चयनित विद्यार्थियों का प्रशिक्षण
विपिन सोनी ने जानकारी दी कि चयनित विद्यार्थियों को NGO EFA की ओर से लखनऊ (उत्तर प्रदेश) स्थित प्रशिक्षण केंद्र में विशेष ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अंग्रेजी शिक्षण की आधुनिक तकनीकों, क्लासरूम कम्युनिकेशन, और स्टूडेंट इंटरेक्शन स्किल्स पर केंद्रित होगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण युवाओं को भविष्य में शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्रदान करेगा, साथ ही उन्हें निजी और सरकारी संस्थानों में शिक्षण के लिए आवश्यक कौशल भी सिखाएगा।
स्वामी विवेकानंद कैरियर गाइडेंस प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. क्षमा मेहरा ने बताया कि इस प्रशिक्षण में चयनित विद्यार्थियों को ₹250 प्रतिदिन भत्ता (डेली एलाउंस) भी दिया जाएगा। यह राशि उनके यात्रा एवं प्रशिक्षण खर्च के लिए होगी, जिससे विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि इस तरह के अवसर युवाओं को आत्मविश्वास और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं। “कैरियर गाइडेंस का उद्देश्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को समाज और रोजगार की वास्तविक जरूरतों से जोड़ना है,” उन्होंने कहा।
विद्यार्थियों में उत्साह और नई उम्मीद
साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों में विशेष उत्साह देखने को मिला। कई छात्रों ने इसे अपने करियर का पहला बड़ा अवसर बताया।
बी.ए. और बी.कॉम. वर्ग के विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें अंग्रेजी में संवाद करने और शिक्षण तकनीकों को समझने का अवसर मिला, जो भविष्य में नौकरी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
विद्यार्थी नेहा वर्मा ने कहा, “EFA जैसी संस्थाएं ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए वरदान हैं। यह न केवल रोजगार की दिशा दिखाती हैं, बल्कि हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देती हैं।”
प्राचार्य डॉ. नीता चौबे ने दी शुभकामनाएं
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीता चौबे ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने NGO EFA और कैरियर गाइडेंस सेल का धन्यवाद किया कि उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण का अवसर उपलब्ध कराया।
डॉ. चौबे ने कहा, “आज के समय में अंग्रेजी शिक्षण केवल विषय नहीं, बल्कि करियर का मजबूत माध्यम बन चुका है। ग्रामीण युवाओं को इस दिशा में अवसर देना सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है।”
NGO EFA की भूमिका: शिक्षा से आत्मनिर्भरता की ओर
NGO EFA (Education For All) पिछले कई वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है। संस्था का लक्ष्य है — “हर युवा को शिक्षा और रोजगार से जोड़ना”।
EFA देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षण, स्किल डेवलपमेंट और करियर ओरिएंटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करती है।
इस संस्था का मानना है कि भारत में युवाओं की सबसे बड़ी पूंजी उनका ज्ञान और संचार कौशल है, जिसे मजबूत करने पर ही देश आत्मनिर्भर बन सकता है।
महाविद्यालय और NGO के बीच सहयोग का नया अध्याय
यह आयोजन केवल एक साक्षात्कार नहीं, बल्कि महाविद्यालय और सामाजिक संस्थाओं के बीच सहयोग का उदाहरण बन गया।इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को न केवल अवसर मिला बल्कि उन्हें यह भी समझ आया कि शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ सही मार्गदर्शन कितना जरूरी है।
महाविद्यालय प्रबंधन ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने का आश्वासन दिया है।
माखननगर के श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय महाविद्यालय में आयोजित यह साक्षात्कार कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि अगर प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान और सामाजिक संगठन एक साथ आएं, तो युवाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुल सकते हैं।
EFA जैसी संस्थाएं ग्रामीण युवाओं के सपनों को दिशा देने का कार्य कर रही हैं, वहीं कॉलेज प्रशासन इन पहलों को धरातल पर उतारने में सेतु की भूमिका निभा रहा है। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि अवसरों तक पहुंच का माध्यम भी है।